कलर्स टीवी पर प्रसारित “बिग बॉस ” शो के बारे में तो हम सब जानते ही है. आपको बता दे की यह इस सीरीज का 14वा सीजन है. यह रिएलिटी शो हमेशा से सुर्खियों में रहता है और काफ़ी लोग इसे पसंद भी करते है पर कइयों के मन में यह सवाल अक्सर रहता है कि क्या यह एक पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं. कई बार ऐसे सवाल दर्शकों से सुनने को मिलते है जैसे, क्या लगता है, ‘बिग बॉस 14’ में सबसे शातिर खिलाड़ी कौन है? क्या लगता है ‘बिग बॉस 14’ का विनर कौन होगा? कैसा हो यदि आपसे यह कहा जाए कि ‘बिग बॉस’ में एक सदस्य ऐसा है, जिसने सबकुछ पहले से प्लान कर रखा है तो कहीं सब कुछ प्री-प्लांड तो नहीं, अाइए जानते है शो के कुछ दिलचस्प बाते.
दरअसल शो को शुरू हुए 6 हफ्ते हो चुके है. शो का पहला प्रसारण 3 अक्टूबर 2020 में हुआ था. ‘बिग बॉस 14’ को शुरू हुए अब करीब 6 हफ्ते बीत गए हैं. घर में वाइल्ड कार्ड एंट्री से लेकर नॉमिनेशन और बहस बाज़ी तक सबकुछ हो रहा है. अब तक हर दर्शक ने किसी न किसी को अपना फेवरिट तो बना भी लिया होगा. ‘वीकेंड का वार’ जो कि हर हफ्ते के आखिर में होता है, में सलमान खान की बातें सुन कुछ दर्शक अपनी अपनी राय बदल भी रहे होंगे. लेकिन शो में कुछ ऐसा भी हो रहा है, जिससे ऐसा लग रहा है कि सबकुछ पहले से प्री-प्लांड है. कम से कम 6 हफ्तों में 6 ऐसे मौके आए हैं, जब ऐसा जाहिर हुआ है कि शो में जो हो रहा है, वह पहले से ही सोचा-समझा और योजनाबद्ध है. एक बात स्पष्ट कर दें कि यहां हम शो पर नहीं, बल्कि शो के एक कंटेस्टेंट की बात कर रहे हैं और वो हैं राहुल वैद्य.
पहला हफ्ता
पहले हफ्ते में अगर दर्शकों ने ध्यान दिया हो तो देखा जा सकता था कि राहुल बहुत कम बोलते थे . वे काफ़ी ज्यादा सीरियस मूड में नजर आते थे. राहुल वैद्य जिस तरह से घर में रह रहे हैं यह आशंका जाहिर होती है कि वह पहले ही सबकुछ सोच कर आए हैं. लोगो के अनुसार ,वह या तो खुद मास्टरमाइंड हैं और सूझ भूज से खेल रहे हैं या फिर उनके पीआर वालों ने उन्हें अच्छे से सीख देकर यहां भेजा है. शुरुआत पहले हफ्ते से करते हैं. राहुल वैद्य ने घर में एंट्री ली. जहां कुछ सदस्य सुपर ऐक्टिव नजर आए, वहीं राहुल वैद्य कम बोलने वाले, ज्यादा उलझने वाले नहीं थे, जब खुद पर सवाल खड़े होते थे तब ही अपनी सफाई में कुछ बोलते थे या बहस करते नजर आए. यानी एक ऐसा इंसान जो जरूरी बातों पर ही बोलता है. ज्यादा उलझता नहीं. दूसरे के मामलों में टांग नहीं अड़ाना. इसका असर यह हुआ कि राहुल सबसे इनऐक्टिव सदस्यों में बॉटम थ्री में रहे. लेकिन इससे फायदा यह हुआ कि राहुल की इमेज एक सीरियस और समझदार इंसान की बनने लगी. और वे दौड़ मे आगे भी हुए.
दूसरा हफ्ता
अब बात करते है दूसरे हफ्ते की. दूसरे हफ्ते उनका काफ़ी एक्टिव रूप नजर आया. लोगो ने बोला ‘ सोबर बन गया एंटरटेनर’ दूसरा हफ्ता शुरू हुआ. एक गार्डन वाले टास्क में राहुल ने उम्मीद से ज्यादा एंटरटेन किया. घर में शांत किसी कोने में बैठे दिखने वाले राहुल ने गौहर खान और हिना खान को इतना इम्प्रेस किया कि वो दोनों उनकी फैन हो गईं. फिर लड़कियों वाले कपड़े पहनकर डांस करना हो या पर्पल टॉवल पहनकर नौटंकी करना. राहुल ने सब किया. इसका नतीजा यह निकला कि राहुल जो अब तक शांत थे और सोबर इमेज लेकर चल रहे थे, वह एंटरटेनिंग भी बन गए. दोस्ती के मामले में राहुल ने सब से बात करनी शुरू की, लेकिन कोई भी उन पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर सकता. यह बात तब उनके खास दोस्त निशांत मल्कानी, जान कुमार सानू और निक्की तंबोली ने खुद कुबूल की.
तीसरा हफ्ता
दरअसल तीसरे हफ्ते राहुल ने काफ़ी बड़ा काम कर दिया था . वे अचानक है बोल्ड अवतार में नजर आने लगे उन्होंने जिगर दिखाया और उठाया नेपोटिज्म का मुद्दा. तीसरे हफ्ते तक पहुंचते-पहुंचते राहुल को लेकर हर किसी का पारा चढ़ चुका था. सलमान की क्लास के बाद राहुल ने अपने झगड़ों और बतकही को इतना बढ़ाया कि लगने लगा कि वह अब नापसंद हो जाएंगे. लेकिन राहुल ने यहां तुरुप का इक्का चला. उन्होंने नॉमिनेशन राउंड में नेपोटिज्म का मुद्दा उठाया. ऐसा मुद्दा जिसकी जरूरत वहां थी नहीं. वो भी जान कुमार सानू के लिए, जिन्हें वह दो हफ्तों से अपना दोस्त बता रहे थे. अब इस कारण भले ही घर के अंदर उनकी थू-थू हुई, लेकिन राहुल सोशल मीडिया पर स्टार बन गए. सलमान ने भले राहुल को कोसा, लेकिन वोट बटोरने में राहुल कामयाब रहे. सोशल मीडिया पर राहुल को ‘जिगर वाला’ बताया गया, क्योंकि वह घर के अंदर रहकर बिग बॉस पर ही सवाल उठा रहे थे. सुशांत सिंह राजपूत के फैन्स का हिस्सा भी राहुल के साथ हो गया.
चौथा हफ्ता
हालाँकि उन्होंने मराठी भाषा और जैस्मिन के गुस्से का फायदा इस हफ्ते उठाया. नेपोटिज्म वाले मामले के कारण राहुल अब दर्शकों के बीच खोया हुआ वोट पा चुके थे. अब जरूरत थी इज्जत की. यहां दो बातें हुईं. ये दोनों ही बातें राहुल ने नहीं कीं, लेकिन इससे भला उन्हीं का हुआ. मराठी वाले मुद्दे पर जान कुमार सानू से गलती हुई. जान ने कुछ ऐसा कहा जिससे मराठी समुदाय आहत हो गया. नतीजे में जान से मराठी में बात करने वाले राहुल को फायदा हो गया. मराठी वोट राहुल को मिलने लगे. इसी तरह जैस्मिन भसीन ने फिजूल की बात का बतंगड़ बनाया. जनता का सपोर्ट यहां भी राहुल को मिला, क्योंकि दर्शकों को प्रतीत हुआ कि जस्मिनी ओवररिएक्ट कर गई थीं.
पांचवा हफ्ता
इज्जत की चाह रखने वाले राहुल को पांचवें हफ्ते में बड़ा फायदा मिला. हालांकि, यह भी अनायास ही था. ऑक्सिजन मास्क वाले टास्क में निक्की तंबोली ने मास्क पैंट के भीतर रख लिया. राहुल चाहते तो खेल का हवाला देकर वहां से निकाल सकते थे. लेकिन यह उनकी अच्छाई थी कि उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने एक जेंटलमैन के रूप में काफ़ी प्रशंसा बटोरी और यह हुआ कि सलमान खान ने भी राहुल की तारीफ की. कुल मिलाकर चौथे और पांचवें हफ्ते में राहुल ने जरूरत मुताबिक इज्जत कमा ली.
छठा हफ्ता
छठा हफ्ते में राहुल ने दर्शकों के दिल में जगह बना ही ली . उन्होंने दिल जीतने के लिए ‘बेगम’ की चाल छठा हफ्ता शुरू होते ही राहुल ने अपनी ‘बेगम’ आगे बढ़ा दी. इतिहास गवाह है कि ‘बिग बॉस’ में रोमांटिक ऐंगल खूब चलता है. याद कीजिए तो राहुल ने घर में एंट्री के साथ ही कहा था कि उनकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. राहुल ने निक्की तंबोली और जैस्मिन भसीन के साथ लव ऐंगल बनाने की कोशिश की, लेकिन दाल नहीं गली. ऐसे में छठे हफ्ते में राहुल ने अपनी ‘बेगम’ को आगे बढ़ा दिया. नेशनल टीवी पर सभी के सामने दिशा परमार को शादी के लिए प्रपोज कर दिया. यह भी कहा कि वह जवाब का इंतजार कर रहे हैं.बता दे कि राहुल काफ़ी समय से दिशा को डेट कर रहे थे पर कभी भी पब्लिक में अपनाया नहीं था. अब आगे देखना दिलचस्प होगा कि राहुल आगे किस तरह से अपनी गाड़ी बढ़ते है और बाकी कंटेस्टेंट को किस तरह का मुकाबला देते है.