Sanitizer का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक, इन गंभीर बीमारियों के हो सकते हैं शिकार
कोरोना वायरस ने देश भर का बुरा हाल कर रखा है। दिन पर दिन लगातार मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकार के द्वारा कोरोना महामारी को काबू करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं परंतु इसका फायदा बेहद कम ही नजर आ रहा है। इस महामारी से अगर बचना है तो सावधानियां बरतनी बहुत ही जरूरी है। कोरोना वायरस की दवा अभी तक नहीं बनी है। इस वायरस से बचने के लिए एक ही तरीका है, वह है साफ-सफाई रखना। सैनिटाइजर के इस्तेमाल से आसानी से हाथों को साफ किया जा सकता है। कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
कोरोना से बचाव में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना विशेष रूप से आवश्यक है। इन्हीं सब सावधानियों को अपनाकर करोना से बचाव संभव हो सकता है परंतु क्या आप लोग जानते हैं कि कोरोना का खतरा कम करने वाला सैनिटाइजर आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर भी डालता है। जी हां, अगर आप इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। आज हम आपको ज्यादा सैनिटाइजर के इस्तेमाल करने से आपकी सेहत को क्या नुकसान पहुंच सकता है? इस विषय में जानकारी देने जा रहे हैं।
1- कोरोना वायरस महामारी के बीच बहुत से व्यापारी ऐसे हैं जो सैनिटाइजर का व्यापार कर रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं जो सैनिटाइजर में मेथनॉल नामक केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर इस तरह के सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल किया जाए तो इसकी वजह से चक्कर आना, उल्टी आना, दिल घबराने जैसी समस्या आने लगती है, इतना ही नहीं बल्कि नींद ना आना और अंधेपन जैसी चीजों का भी खतरा बढ़ जाता है। मेथनॉल केमिकल वाला सैनिटाइजर अधिक प्रयोग करने की वजह से इसका सीधा प्रभाव हमारे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है जिसकी वजह से जान जाने का भी खतरा हो सकता है।
2. बाजार में बहुत से सैनिटाइजर उपलब्ध हैं अगर नॉन एल्कोहॉलिक सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल किया जाए तो इसकी वजह से इम्यून सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है। आपको बता दें कि नॉन एल्कोहॉलिक सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसन का इस्तेमाल होता है, जिसका ज्यादा इस्तेमाल से इम्यून सिस्टम (Immune System) कमजोर हो जाता है, जिसके कारण बहुत सी गंभीर बीमारियों से बचाव की क्षमता कम हो जाती है। बहुत से अध्ययन हुए हैं, जिनके अनुसार सैनिटाइजर का ज्यादा प्रयोग करने से बच्चों की इम्युनिटी भी कम होती है।
3. आपको बता दें कि कुछ सैनिटाइजर एल्कोहॉल युक्त होते हैं तो कुछ नॉन एल्कोहॉलिक होते हैं। एल्कोहॉल युक्त सैनिटाइजर में एथेनॉल होता है, जो एंटीसेप्टिक का काम करता है। नॉन एल्कोहॉलिक सैनिटाइजर में सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसन या ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है। अध्ययन के अनुसार यह बात साबित हो चुकी है कि ट्राइक्लोसन फर्टिलिटी के लिए नुकसानदायक साबित होता है।
4. अगर आप सैनिटाइजर का अधिक प्रयोग करते हैं तो इसकी वजह से त्वचा से संबंधित परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। त्वचा में जलन, हाथों में खुजली, हाथों में लाल चकत्ते पड़ने जैसी समस्या बढ़ने लगती है, इतना ही नहीं बल्कि त्वचा रूखी भी हो सकती है।
5. सैनिटाइजर में खुशबू के लिए फैथलेट्स नामक रसायन का प्रयोग किया जाता है। जिन सैनिटाइजर में इसकी मात्रा अधिक होती है, वह हमारे लिए बहुत हानिकारक साबित होती है। अत्यधिक खुशबू वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से लिवर, किडनी, फेफड़े तथा प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है।