बेटी बहुत अनमोल होती है। बेटियों को घर की शान माना जाता है। अगर बेटी घर में हो तो घर की रौनक बनी रहती है। जब बेटियां शादी के बाद अपने ससुराल चली जाती हैं तो पूरे घर रौनक मानो उसके साथ ही चली गई। ससुराल जाने के बाद बेटी की याद पूरे घर को बहुत सताती है। आजकल के समय में बेटियां बेटों से बिल्कुल भी कम नहीं हैं परंतु उसके बावजूद भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो आज भी बेटियों को खुद पर बोझ समझते हैं परंतु सच मायने में देखा जाए तो बेटियां बोझ नहीं होती हैं बल्कि यह भगवान का दिया हुआ वरदान होती हैं।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक किसान पिता पांच बेटियों के बारे में बताने वाले जो आज अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हैं। पांच बेटियों में से दो बेटियां पहले ही बड़ी पोस्ट पर थीं, जबकि बाकी तीन बेटियों ने एक साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा में सफलता हासिल कर पिता के साथ साथ पूरे गांव का नाम रोशन किया है।
आपको बता दें कि राजस्थान में हनुमानगढ़ के भैरूसरी गांव में रहने वाले किसान सहदेव सहारण की 5 बेटियां हैं और उनकी पांचों बेटियां पूरे गांव के लिए मिसाल बन चुकी हैं। किसान सहदेव की पांचों बेटियां सरकारी नौकरी कर रही हैं एक बेटी झुंझुनू में बीडीओ है, तो दूसरे सहकारिता में सेवाएं दे रही है। इसी क्रम में अब बाकी की तीन बेटियां रीतू, अंशु और सुमन राजस्थान प्रशासनिक सेवा में सिलेक्ट हो चुकी हैं। सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह पांचों बहनें एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
All five daughters of Farmer Sahdev Saharan are now RAS officers. Ritu, Anshu and Suman are selected yesterday. Other two were already in service. What a proud moment for family and village. pic.twitter.com/MPwCdkgO8E
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) July 15, 2021
मिली जानकारी के अनुसार किसान पिता सहदेव के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी बेटियों को स्कूल भेज सकें। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी लेकिन इस परिस्थिति में भी पांचो बहन एक दूसरे का सहारा बनी थीं। रीतू, सुमन और अंशु की पढ़ाई लिखाई एक साथ हुई और इन तीनों बहनों ने सरकारी स्कूल में सिर्फ पांचवी तक पढ़ाई की। छठी क्लास से प्राइवेट स्कूल में पढ़ने लगी। इन तीनों ने पीएचडी भी एक साथ की। जब यह तीनों बहनें राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही थीं तो उस दौरान भी यह एक-दूसरे के साथ रहीं और एक साथ ही मेहनत की।
Such a good news. Anshu, Reetu and Suman are three sisters from Hanumangarh, Rajasthan. Today all three got selected in RAS together. Making father & family proud. pic.twitter.com/n9XldKizy9
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) July 14, 2021
यह तीनों बहनों यही चाहती थी कि वह अपनी दो बड़ी बहनों की तरह किसी सरकारी डिपार्टमेंट में अफसर बने और अपने मन में वही सपना संजोए तीनों ने खूब मेहनत की। अंशु ने ओबीसी गर्ल्स में 31, रीतू ने 96 और सुमन ने 98वीं रैंक हासिल की। तीनों बहनों की सफलता से उनके पिताजी बेहद खुश हैं। इन तीनों बहनों ने अपने पिता के साथ साथ पूरे जिले का नाम रोशन किया है और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
आपको बता दें कि किसान पिता ने अपनी बेटियों की पढ़ाई में किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी। अपनी क्षमता के अनुसार उन्होंने बेटियों को पढ़ाने में पैसा भी खर्च किया। पड़ोसी और रिश्तेदार उन्हें ताने मारा करते थे कि बेटियों पर इतना पैसा क्यों लगा रहे हो? इन्हें आखिरी में रोटियां ही तो बनानी है परंतु उन्होंने किसी की भी परवाह नहीं की। बेटियों को पढ़ाने लिखाने में पिता के बस में जो भी था उन्होंने सब कुछ किया। पिता के त्याग और समर्पण का ही यह नतीजा है कि आज उनकी बेटियां इस मुकाम तक पहुंच पाईं हैं।