27 साल बाद पिता ने सुधारी अपनी भूल, बेटी के जन्मदिन पर निकाली अनोखी बारात, शहरभर में हो रही चर्चा
वैसे अक्सर यह कहा जाता है कि बेटे मां के करीब होते हैं, तो बेटियां अपने पापा के बेहद करीब होती हैं। हर घर में बेटियां पिता की लाडली होती हैं। कभी नरम तो कभी गरम अंदाज में बच्चों को अनुशासन और व्यावहारिकता का पाठ पढ़ाने वाले पापा ही नई पीढ़ी के सपनों को पंख फैलाने का आसमान देते हैं। इसी खुले आकाश में आज बेटियां बेहिचक उड़ान भर रही हैं। पापा की परी और घर में सबसे प्यारी, बाप-बेटी का बड़ा गहरा चाव और लगाव होता है। तभी तो उम्र के हर पड़ाव पर पापा उनके लिए खास भूमिका निभा रहे होते हैं।
इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। जहां पर एक पिता ने समाज को संदेश देने के लिए बेटी की शानदार बारात निकाली। पिता ने बेटी की ढोल-नगाड़ों के साथ बारात निकाली। इसको देखकर लोग आश्चर्यचकित हो गए। साथ ही लोगों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले कभी बेटी की बारात निकलते नहीं देखा है। लड़की बग्गी पर सवार होकर अपने ससुराल पहुंची, जिसकी पूरे इलाके में खूब चर्चा हो रही है।
समाज को संदेश देने के लिए पिता ने बेटी की निकाली बारात
दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से सामने आया है, जहां के सिविल लाइन स्थित कांठ रोड की हिमगिरी कॉलोनी के रहने वाले आचार्य राजेश शर्मा ने लड़कियों को बराबरी का संदेश देने के लिए बेटी की अनोखी बारात निकाली है। मिली जानकारी के अनुसार, राजेश शर्मा अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महामंत्री हैं। वही राजेश शर्मा एक स्कूल के संचालक भी हैं। राजेश शर्मा की बेटी का नाम श्वेता भारद्वाज है, जिसकी बारात शहर भर में निकली है। वह बग्गी पर सवार होकर ससुराल के लिए निकली थी।
इस अनूठी बारात में लड़की के परिवार और रिश्तेदार शामिल हुए। राजेश शर्मा का ऐसा कहना है कि उनके द्वारा बेटी की बारात निकालने का मकसद लड़कियों को सम्मान के साथ समानता का अधिकार दिलाना है। इसके अलावा नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने ऐसी पहली की शुरुआत की है, ताकि समाज में लोग बेटियों को बोझ नहीं समझे। उनके द्वारा की गई इस अनूठी पहल की हर कोई तारीफ करता हुआ नजर आ रहा है।
बेटी के जन्मदिन पर निकाली बारात
इस मामले में पिता राजेश शर्मा का कहना है कि उनके इस काम से बेटों और बेटियों में भेदभाव रखने वाले लोगों में जरूर बदलाव आएगा। लोग बेटी होने पर दुखी हो जाते हैं और बेटा पैदा होने पर खुशियां मनाते हैं। उन्होंने कहा कि आज मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ है। आपको बता दें कि जब 27 साल पहले 7 दिसंबर को उनकी पत्नी कुसुम शर्मा ने उनकी बेटी श्वेता को जन्म दिया था, तो उस समय परिजनों ने कोई खुशी नहीं मनाई थी। उन्हें इसका काफी मलाल था। तभी उन्होंने यह ठान लिया था कि अपनी बेटी को बराबरी का हक दिलाएंगे।
इसीलिए उन्होंने अपनी बेटी को पहले खूब पढ़ा लिखा कर फैशन डिजाइनर बनाया। अब ठीक 27 साल के बाद उसके जन्मदिन के मौके पर उसकी शानदार बारात निकाली। आपको बता दे कि राजेश ने अपनी बेटी श्वेता की शादी मझोला इलाके के इंजीनियर सिद्धार्थ के साथ तय की थी। 7 दिसंबर को बेटी की बारात निकली और उसकी शादी हुई।
यह अनोखी शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई पिता की सोच को सलाम कर रहा है। वहीं मोहल्ले के लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी बेटी की बारात निकलते नहीं देखी। बेटी की बारात निकलते देख लोगों ने अपने मोबाइल फोन से फोटो और वीडियो भी बनाए।