दरोगा बाबू ने एसपी साहब को रोक मांगा नजराना, अजय देवगन वाले स्टाइल में फंसा “मंगनी राम”, जानें पूरा मामला
अक्सर देखा गया है कि फिल्मों की कहानियां असल जिंदगी में भी सच साबित हो जाती हैं। ऐसी कई फिल्में है जो सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि फिल्में समाज का आईना होती हैं। आप सभी लोगों ने अजय देवगन की सुपरहिट फिल्म “गंगाजल” तो देखी होगी? साल 2003 में आई प्रकाश झा की इस सुपरहिट फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया है। इस फिल्म में किस तरह से अजय देवगन ने एक दमदार पुलिस अफसर का अभिनय निभाकर सबका दिल जीत लिया था।
उन्होंने इस दौरान न्याय की खातिर अपने ही दरोगा को भी सस्पेंड कर दिया था। ठीक इसी प्रकार असल जिंदगी में भी बिहार शेखपुरा जिले को कुछ ऐसा ही देखने को मिला है, जहां पर दरोगा वसूली में इतना मस्त था कि उसने अपने ही एसपी की बाइक को रोक दिया और रिश्वत मांगने लगा। तो चलिए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में…
दरअसल, हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह बिहार के शेखपुरा जिले से सामने आया है। अजय देवगन की सुपरहिट फिल्म “गंगाजल” का दरोगा मंगनी राम वाला सीन असल जिंदगी में भी देखने को मिला है। ऐसा बताया जा रहा है कि एएसआई रास्ते से गुजरने वाली हर गाड़ी से नजराना लेता था। वह बाइक और स्कूटर वालों को भी नहीं जाने देता था। उनसे भी वह 50-100 रुपए ले लेता था।
जब इसकी शिकायत मिली तो बाद में एसपी कार्तिकेय खुद जांच करने के लिए पहुंचे तो एएसआई जिस तरह आम लोगों के साथ किया करता था, ठीक उसी अंदाज में एसपी साहब को भी रोक लिया। अपने सीनियर यानी एसपी पर हाथ डालना दरोगा बाबू को भारी पड़ गया। जब उसे अपनी गलती का अंदाजा हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इसका परिणाम यह हुआ कि वसूली करने वाले दरोगा साहब मौके पर ही निलंबित कर दिए गए और इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस रिश्वतखोर दरोगा को पकड़ने के लिए शनिवार की सुबह एसपी कार्तिकेय के शर्मा खुद बिना वर्दी के आम नागरिक की तरह बाइक चलाकर मौके पर पहुंचे थे। ऐसा बताया जा रहा है कि रुपए वसूलने में दरोगा पूरी तरह से मस्त था। इस सहायक अवर निरीक्षक ने एसपी को भी नहीं जाने दिया।
बाइक पर बैठे एसपी को रोकने के बाद एएसआई जैसे ही उनके नजदीक गया और उसने जैसे ही अपने बड़े अफसर को पहचाना तो उसके तो होश ही उड़ गए। वहीं एसपी साहब ने एएसआई की करतूत को अपनी आंखों से देखा और उन्होंने सहायक अवर निरीक्षक को निलंबित कर दिया।
एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने इस पूरी कार्यवाही की जानकारी देते हुए यह बताया कि कसार थाने में प्रतिनियुक्त सहायक अवर निरीक्षक रणवीर प्रसाद को वाहनों से अवैध वसूली के मामले में निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जा रही है।
एसपी साहब ने यह बताया कि चांदी पहाड़ से पत्थर और डस्ट लेकर निकलने वाले वाहनों से यह कनीय पुलिस अफसर अवैध वसूली किया करता था। रणवीर प्रसाद के बारे में लोग बताते हैं कि रास्ते में बाइक से आने जाने वालों को भी पुलिस का रौब दिखाकर 50-100 ले लेता था।
आपको बता दें कि वाहनों से अवैध वसूली के मामले में आठ पुलिसकर्मियों को एक पखवाड़े पहले भी एसपी ने निलंबित कर दिया था। यह सभी पुलिसकर्मी शेखपुरा और चेहरा थाना क्षेत्र से जुड़े हुए थे। इन रिश्वतखोर अफसरों को पकड़ने के लिए भी देर रात एसपी साहब खुद सड़कों पर निकले थे और सभी को रंगे हाथों पकड़ा।