आज़ाद भारत में पहली बार मिलेगी एक महिला को फांसी, जानिए कौन है ये और क्या है इनका अपराध
उत्तर प्रदेश: हमारे भारत को में औरतों को देवियों के समान समझा जाता है. लेकिन हाल ही में एक ऐसी महिला का मामला सामने आया है जिसके बारे में जान कर शायद आपकी रूह भी कांप उठेगी. ख़ास बात यह भी है कि भारत जैसे देश में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा सुना दी गई है. अब ऐसे में आप भी सोच रहे होंगे कि आखिरकार इस महिला ने ऐसा क्या किया है जो उसे मृत्यु दंड दिया जा रहा है. तो चलिए हम आपको बताते हैं इस पूरे मामले के बारे में.
महिला का नाम है शबनम
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरप्रदेश के अमरोहा जिले की रहने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को एक साथ अदालत ने फांसी पर लटकाए जाने की सजा सुना दी है. भारत देश के आजाद होने के बाद पहली बार किसी महिला को ऐसा दंड दिया जा रहा है जिसके पीछे का कारण अचंबित कर देने वाला है. बताया जा रहा है मकई शबनम को फांसी देने के लिए तैयारियां शुरू कर डी है और उन्हें मथुरा जेल में इसके लिए भेजा जाएगा. इसके लिए निर्भया केस के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले दो जल्लादों ने भी दो बार इस फांसी घर का निरिक्षण पूरा कर लिया है.
क्या है शबनम का अपराध?
बता दें कि कोर्ट ने शबनम के नाम डेथ वारंट जारी किए हैं. शबनम पर अपने माता-पिता और 10 महीने के भतीजे समेत 7 लोगों को जान से मारने का आरोप है. रिपोर्ट्स के अनुसार अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गाँव बावनखेड़ी के रहने वाले शिक्षक शौकत अली की इस इकलौती बेटी शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया हुआ है. वह सलीम नामक शख्स से प्यार करती थी. जबकि उसके घरवाले और परिजन इस बात के सख्त खिलाफ थे. ऐसे में 14 अप्रैल 2008 की रात उसने सलीम के साथ मिल कर सबको बेहोशी की दवाई दे कर कुल्हाड़ी से काट कर जान से मार गिराया था. शबनम का यह गुनाह जान कर हर कोई हैरान रह गया था.
कई बार लगाई जमानत की अर्जी
खबरों की माने तो शबनम ने फांसी से खुद को बचाने के लिए छोटी अदालत से लेकर सर्वोच्च अदालत तक का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन इसके बावजूद भी उसका गुनाह माफ़ी के लायक न समझते हुए आख़िरकार राष्ट्रपति ने उनकी सजा को बरकरार रखा. जिसके बाद अब आख़िरकार उनके खिलाफ डेथ वारेंट जारी किए गए हैं. इसके लिए बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है. हालाँकि इस काम में किसी प्रकार की कोई अड़चन ना आए, इसका पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है.