युवती का डीएम के सामने छलका दर्द, बोली- 27 को शादी है, सड़क नही बनी तो कैसे आएगी बारात
भारत देश इन दिनों तरक्की की राह पर चल रहा है. शहरों में किसी चीज़ की भले ही कोई कमी नहीं है लेकिन आज भी कुछ गाँव ऐसे हैं, जहाँ पर सड़कों के निर्माण को लेकर ढील रखी जाती है. वहीँ हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यह मामला एक ऐसी लड़की का है, जिसने जिले के डीएम को अपने दर्द की कहानी ब्यान की है. लड़की ने सबसे पहले तो जिलाधिकारी को अपनी शादी का कार्ड दिया और फिर नेग लेने से पहले कुछ ऐसा बोला कि वहां मौजूद सभी स्टाफ सोच में पड़ गया. लड़की ने कहा, “सर 27 फरवरी को मेरी शादी है और मेरी बारात आने वाली है. लेकिन घर तक उसके आने का कोई भी रास्ता नहीं है. यदि आप नेग के बदले सड़क बनवा दें या रास्ता ठीक करवा दें तो यह मेरे लिए सबसे अच्छा उपहार साबित होगा.”
गौरतलब है कि युवती की बातों का जिलाधिकारी को ऐसा फर्क पड़ा कि उन्होंने तुरंत सड़क ठीक करने के आदेश जारी कर दिए. जानकारी के लिए बताते चले कि यह पूरा मामला अलीगढ जिले की इगलास तहसील के हस्तपुर गाँव की रहने वाली युवती करिश्मा का है. युवती की 27 फरवरी को शादी होने जा रही है. ऐसे में उसने अपनी समस्या जिलाधिकारी चंद्र भूषण के सामने रखी. करिश्मा के गाँव की सड़क का हाल इतना बेहाल है कि वहां से बारात का गुजरना कठिन है. ऐसे में उसने शादी से पहले डीएम से मार्ग ठीक करवाने की मांग रख दी.
करिश्मा का कहना है कि उनके गाँव की सड़क में गड्ढे ही गड्ढे भरे पड़े हैं और साथ ही इनमे काफी सारा कीचड़ भी जमा रहता है. ऐसे में इस सड़क पर पैदल यात्रा करना बेहद कठिन है और बारातियों को कईं तरह की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. वहीँ जिलाधिकारी चंद्र भूषण का कहना है कि करिश्मा नामक युवती उनके पास आई थी जिनके गाँव की सड़क जर्जर स्तिथि में है. ऐसे में उसकी 27 फरवरी को शादी में बाधाएं न आए इसलिए उसने मदद की गुहार लगाई है.
युवती की शिकायत मिलने के बाद डीआरडीओ से कहा गया है कि वह अपने अधिकारीयों के साथ युवती के गाँव जल्द से जल्द पहुँच कर जायजा लें और तत्काल योजना या किसी अन्य योजना के तहत सड़क बनाने का कार्य शुरू करें. डीएम् का यह दावा है कि युवती की मांग के अनुसार उसकी शादी से ठीक पहले सड़क बनवा डी जाएगी. इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए चंद्र भूषण ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान के परिणाम अब सामने आ रहे हैं. ऐसे में लड़की की गाँव की सड़क बनवाने की मांग करना भी इसी का एक परिणाम है जोकि महिलाओं की जागरूकता का एक सटीक उदाहरण भी है.