यूक्रेन से लौटी छात्रा बोली- मुंबई से देहरादून आने में सरकार ने नहीं की मदद, सोशल मीडिया यूजर्स देने लगे ऐसी प्रतिक्रिया
यूक्रेन और रूस के बीच लगातार जंग जारी है। जब रूस ने अचानक ही यूक्रेन पर हमले का ऐलान कर दिया तो उसके बाद से ही पूरी दुनिया में अफरा-तफरी मची हुई है। रूस की इस बर्बरता की लोग काफी निंदा कर रहे हैं। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे इस युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। युद्धग्रस्त यूक्रेन से सैकड़ों हजारों लोग भागने की कोशिश में लगे हुए हैं और दूसरे देशों में शरण पाने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं भारतीय नागरिक भी यूक्रेन और रूस के बीच जंग के दौरान फंसे हुए हैं, जिसमें से कुछ लोग अपने वतन वापस आ गए। बड़ी संख्या में लाखों भारतीय छात्र भी वहां पर फंसे हुए हैं। लगातार भारत सरकार अपने छात्रों को वहां से वापस निकालने के लिए अभियान चला रही है और छात्रों का एक ग्रुप अपने वतन वापस सुरक्षित लौट भी आया है।
ऐसे में यूक्रेन से लौटी उत्तराखंड की एक छात्रा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इनके द्वारा मुंबई से देहरादून आने के लिए सरकार की ओर से कोई मदद नहीं हुई है। इसको लेकर सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
यूक्रेन से लौटी लड़की ने सरकार पर लगाया आरोप
आपको बता दें कि दैनिक जागरण न्यूज के मुताबिक, आयुषी नाम की लड़की ऋषिकेश के रहने वाली है। आयुषी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। दूतावास के जरिए उन्हें रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचाया गया। उसके बाद वह भारत पहुंच गईं। अपने वतन वापस लौटने के बाद उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है। आयुषी का ऐसा कहना है कि मुंबई से देहरादून आने के लिए सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं दी गई। उन्हें अपने खर्च पर मुंबई से देहरादून आना पड़ा है।
पत्रकार अमन चोपड़ा ने शेयर किया किस अखबार का स्क्रीनशॉट
इस अखबार के स्क्रीनशॉट को पत्रकार अमन चोपड़ा के द्वारा शेयर किया गया है। अमन चोपड़ा में स्क्रीनशॉट शेयर करने के साथ ही यह लिखा है कि मतलब हद है। उन्होंने लड़की पर तंज कसते हुए यह कहा कि “देहरादून तक ही क्यों, सरकार को आपकी कॉलोनी के फलां मोहल्ले की फलां गली के घर तक आपका हाथ पकड़ कर छोड़ कर आना चाहिए था।”
वहीं पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने इस पर कमेंट करते हुए यह कहा कि “यूक्रेन से भारत सुरक्षित ले आई सरकार लेकिन शिकायत यह है कि मुंबई से देहरादून क्यों नहीं पहुंचाया।”
सोशल मीडिया यूजर्स देने लगे कई तरह की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया यूजर्स इस पर अपनी तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। प्रभाकर नाम के एक यूजर ने कमेंट करते हुए यह कहा है कि “देहरादून एयरपोर्ट से घर तक के लिए सरकार को टैक्सी भी अरेंज करनी चाहिए थी। इनके घर पहुंचने के बाद सरकार द्वारा चाय और नाश्ते की व्यवस्था की जानी चाहिए। कैसे लोग हैं?” वहीं धनंजय सिंह नाम के एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए यह लिखा है कि “सही बात है, इनको 1 सप्ताह का राशन और उसके साथ आर्थिक सहायता भी मिलनी चाहिए थी।”
इतना ही नहीं बल्कि नवनीत नाम के एक और यूजर ने कमेंट करते हुए यह लिखा है कि “ऐसे लोगों को उनकी गली तक भी छोड़ दिया जाए, तभी उनकी शिकायत रहेगी कि एक समय का भोजन नहीं कराया सरकार ने…। ऐसे लोग इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि यूक्रेन में अभी भी हमारे अपने कितने लोग फंसे हुए हैं। इसी प्रकार से सोशल मीडिया यूजर्स अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।