बिहार के लाल ने किया कमाल, 21 की उम्र में सुप्रभात बने गूगल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट
आप सभी लोग गूगल के बारे में तो अच्छी तरह से जानते ही हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसे बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग इस्तेमाल करते हैं। गूगल एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां पर कोई भी व्यक्ति बड़ी ही आसानी से किसी भी चीज को ढूंढ सकता है। अगर कुछ पढ़ना है या किसी के बारे में जानना है तो ज्यादातर सभी लोग सीधा गूगल पर जाकर सर्च करते हैं।
गूगल सबसे चर्चित कंपनी है। ऐसे में बिहार के दरभंगा जिले के पिंडारूच के रहने वाले सुप्रभात वत्स गूगल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट बन गए। बिहार के इस लाल ने महज 21 साल में यह कमाल किया है।
21 वर्षीय सुप्रभात वत्स की इस कामयाबी की वजह से पूरा बिहार गौरवान्वित हो रहा है। उन्होंने 28 अगस्त को हरियाणा के गुरुग्राम स्थित गूगल के कार्यालय में योगदान दिया। अब उनकी डिमांड बहुत अधिक बढ़ चुकी है और अब उनके पास लगातार कई ऑफर आने लगे हैं।
बता दें कि अमेरिका की तीन यूनिवर्सिटी (ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड) ने उन्हें कंप्यूटर साइंस में इंटीग्रेटेड कोर्स विद पीएचडी के लिए फुल छात्रवृत्ति देने का ऐलान भी किया है। इतना ही नहीं बल्कि इस अवधि की सैलरी देने की घोषणा भी की गई परंतु सुप्रभात यही चाहते हैं कि वह अपने देश में ही रहकर कार्य करें।
दरभंगा के रहने वाले सुप्रभात बचपन से ही काफी मेधावी छात्र रहे हैं। सुप्रभात बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार रहे हैं। मेधावी सुप्रभात ने कंप्यूटर साइंस के उन 17 विषयों पर बारीकी से अध्ययन किया है जो देश की साइबर सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि इसमें साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित अगले 10 से 20 वर्षों से इंसानी दिमाग तक को हैक करने से रोकने की विधा सहित कुल 17 विषय शामिल हैं।
सुप्रभात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रभावित हैं और वह चाहते हैं कि वह भारत की साइबर सुरक्षा के लिए कार्य करें। सुप्रभात ने इससे पहले टीसीएस, इंफोसिस, एक्सेंचर, जेपी मोर्गन सहित अन्य कंपनियों में काम किया था।
अगर हम सुप्रभात की पढ़ाई के बारे में बात करें तो उनकी शुरुआती पढ़ाई सहरसा जिले से ही हुई। इनके पिता जी का नाम प्रो.विनय कुमार चौधरी है, जो सहरसा के राजेंद्र मिश्र कॉलेज में पदस्थापित रहे। डीपीएस सहरसा से साल 2017 में इन्होंने इंटर पास की। उसके बाद कोलकाता की एडमास विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस से बीटेक की शिक्षा प्राप्त की। बीटेक के तृतीय वर्ष में ही इन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में विशेषज्ञता हासिल की। इसके साथ ही जर्मनी के डियोलाइट और अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से भी जुड़े रहे।
आपको बता दें कि सुप्रभात की माँ डॉ कल्पना चौधरी समाजशास्त्र में पीएचडी हैं। वहीँ सुप्रभात की बड़ी बहन ऋचा मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात फ्रांस की कंपनी एटास में कार्य करती हैं। छोटी तमिलनाडु में इंडियन ओवरसीज बैंक में स्केल-टू ऑफिसर है। बचपन से ही दरभंगा निवासी सुप्रभात पढ़ाई में बहुत अच्छे रहे हैं और यह मेधावी छात्र भी रहे हैं। सुप्रभात की इस सफलता की वजह से पूरा बिहार गौरवान्वित हो रहा है और यह खबर हर भारतीय के लिए बड़े गर्व की बात है।