Site icon NamanBharat

दो बार परीक्षा में हुआ फेल तो दादा जी ने कहा- मेरे लिए एक बार एक्जाम दे दे, पोता बना IAS लेकिन अब दादा नहीं रहे

ऐसा कहा जाता है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। लोग अपने जीवन में बहुत कुछ करने की चाहत रखते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो असफलता मिलने की वजह से टूट जाते हैं और वह कोशिश करना छोड़ देते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो बार-बार असफल होने के बावजूद भी लगातार कोशिश करते रहते हैं जिसका नतीजा यह होता है कि वह अपने जीवन में अपनी मंजिल हासिल कर लेते हैं।

इसी बीच सीकर के फतेहपुर के परमेश्वर केशान के पौत्र और सुनील केशान के बेटे रोहन केशान ने यूपीएससी 2021 की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल करते हुए परिवार और कस्बे का नाम रोशन किया है। उन्हें 387वीं रैंक मिली है। रोहन 21 वर्ष की आयु में सीए बन गए थे। इसके 4 साल बाद अब उनके लिए यह सबसे बड़ा खुशी का मौका आया है। यूपीएससी का परिणाम आते ही पूरे परिवार में खुशियों का माहौल हो गया है। बधाइयों का सिलसिला लगातार जारी है।

दादा जी ने कहा- एक बार तुम मेरे लिए यह परीक्षा दे दो

आपको बता दें कि रोहन के पिता सुनील व्यापारी हैं और मां हाउसवाइफ हैं। रोहन इससे पहले भी दो बार यह परीक्षा दे चुके हैं लेकिन दोनों ही बार उन्हें सफलता नहीं मिली थी, जिसके बाद आगे कभी भी यह परीक्षा नहीं देने का उन्होंने फैसला कर लिया था। जब यह बात उनके दादा परमेश्वर केशान को मालूम हुई तो उन्होंने कहा एक बार तो मेरे लिए यह परीक्षा दे दे। सोमवार को जब इसका रिजल्ट निकल कर सामने आया तो रोहन के लिए यह पल बेहद भावुक कर देने वाला रहा था। क्योंकि रोहन के दादा अब इस दुनिया में नहीं रहे।

रोहन ने बताया कि मैंने आज अपना नहीं बल्कि अपने दादा का सपना पूरा किया है। परीक्षा परिणाम जारी होते ही सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से लोगों ने बधाइयां दी। रोहन के पिता सुनील केशान का कहना है कि रोहन के दादाजी का सपना साकार हुआ और यह उनके आशीर्वाद का ही फल की रोहन को सफलता मिली है। रोहन ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने स्वर्गीय दादाजी परमेश्वर केशान को दिया है।

खुद पर भरोसा हो तो हर मुश्किल आसान

रोहन ने बताया कि जब दो बार असफल होने के बाद में खुद पर भरोसा खोने लगा तो उन्होंने ही मुझे यह सिखाया कि खुद को मजबूत रखोगे तो हर मुश्किल आसान हो जाएगी। मैं उस वक्त सीए था तो सोचा कि अच्छा खासा पैसा तो कमा ही रहा हूं इसलिए यूपीएससी के लिए अब मेहनत नहीं करूंगा। लेकिन दादाजी के शब्दों ने मुझे नई प्रेरणा दी। मैं वापस तैयारी में जुट गया।

रोहन ने बताया कि दसवीं कक्षा में मेरा जिला मेरिट में दूसरा स्थान आया था। 93% के साथ मैंने दसवीं उत्तीर्ण की थी। उसके बाद कॉमर्स संकाय लेकर 12वीं की परीक्षा दी तो 96% आए थे। उसके बाद मैंने मेहनत करके सीए फाउंडेशन का एग्जाम दिया। उसमे मुझे ऑल इंडिया नौवां स्थान मिला। रोहन 21 साल में ही सीए बन चुके थे और इसके बाद मुंबई से इंटर्नशिप की थी। रोहन ने बताया कि इस फील्ड में लिमिटेड स्कोप था। सिर्फ फाइनेंस से ही डील कर सकता था तो मुझे लगा कि इतनी पढ़ाई करने के बाद सिर्फ एक फील्ड में रहना पड़ेगा इससे अच्छा यूपीएससी ट्राई करते हैं।

अगर सिलेक्ट हुआ तो अच्छी बात नहीं हुआ तो सीए तो हैं ही। यूपीएससी पास करने के बाद बड़ा स्कोप हो जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में नाम करने का अवसर मिलेगा। किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए खुद में आत्मविश्वास बहुत जरूरी होता है और मैंने मेरा आत्मविश्वास डिगने नहीं दिया। यूपीएससी का परीक्षा पैटर्न लंबा चलता है। पहले प्री एग्जाम उसके बाद मैस एग्जाम और उसके बाद इंटरव्यू होता है। इस पूरे प्रोसेस में कम से कम 1 साल लग जाता है।

रोहन ने बताया कि मैंने अपनी इन तमाम असफलताओं को याद किया और वापस तैयारी में जुट गया। कुल मिलाकर मैं यही कहना चाहता हूं कि हमेशा खुद की अच्छाइयों और ताकत को याद रखो। खुद पर भरोसा मजबूत करो और अपने आसपास ऐसे लोगों को रखो जो आपको पॉजिटिव एनर्जी दें। जैसे मेरे दादाजी थे। सफलता जरूर मिलेगी।

 

 

 

Exit mobile version