शादी को एक बहुत ही पवित्र बंधन माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह बंधन सात जन्मों का बंधन होता है। शादी के बाद लड़का और लड़की अपने नए जीवन की शुरुआत करते हैं। इन दिनों देश में शादी-विवाह का सीजन चल रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में शहनाई गूंज रहे हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं की शादी एक लड़का और एक लड़की के बीच होती है। लेकिन क्या आप लोगों ने कभी सुना है कि एक लड़के के साथ दो लड़कियों की शादी हुई है? भले ही यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लग रही हो, लेकिन राजस्थान के टोंक जिले से कुछ ऐसी ही एक खबर सामने आ रही है।
जी हां, राजस्थान के टोंक जिले में हुई एक शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। टोंक के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इस अनोखी शादी की खूब चर्चा हो रही है। यहां पर एक युवक ने एक साथ एक ही विवाह मंडप में दो सगी बहनों के साथ सात फेरे लिए। इस अनोखी शादी में पूरा परिवार, रिश्तेदार, दोस्त और अहबाब सभी शामिल हुए और यह शादी बड़े ही धूमधाम के साथ संपन्न हुई। यह सब परिजनों और समाज के लोगों की सहमति से हुआ। अब सवाल यह उठता है कि एक युवक ने दो सगी बहनों के साथ एक ही मंडप में शादी क्यों की?
दूल्हे ने दो सगी बहनों से रचाई शादी
दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह टोंक जिले के मोरझाला की झोपड़ियां गांव से सामने आया है। यहां रहने वाले हरिओम ने बताया कि परिवार के लोग उसके विवाह के लिए किसी लड़की की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान टोंक जिले के ही सीदड़ा गांव निवासी बाबूलाल मीणा की बड़ी बेटी कांता से रिश्ते की बात चल पड़ी। इसके बाद जब हरिओम अपने परिवार के साथ कांता को देखने के लिए उसके घर पहुंचे, तब कांता ने हरिओम के सामने अपने दिल की बात कह दी।
अजीब शर्त सुनकर परिवार रह गया हैरान
दरअसल, कांता ने अपने दिल की बात रखते हुए कहा कि वह अपनी छोटी और मानसिक रूप से कमजोर बहन सुमन से बेहद स्नेह रखती है। कांता ने हरिओम के सामने यह शर्त रखी कि वह उसी लड़के से शादी करेगी, जो दोनों बहनों से शादी रचाएगा। जब कांता की यह बात हरिओम और उनके परिवार ने सुनी तो पहले तो सभी हैरान रह गए लेकिन लेकिन जब युवती ने अपनी छोटी बहन के प्रति अपने प्रेम और जीवनभर उसकी देखभाल करने की बात कही तो हरिओम के परिवार ने इस शादी के लिए हामी भर दी।
बांटे गए विवाह निमंत्रण पत्र
आपको बता दें कि इस अनूठे विवाह समारोह को हरिओम के परिवार ने पूरे धूमधाम से आयोजित किया। दोनों बहनों की शादी बड़े ही धूमधाम के साथ संपन्न हुई। बकायदा कार्ड छपवाकर बंटवाए गए। हरिओम ने दोनों बहनों के साथ सात फेरे लिए और विवाह के बंधन में बंध गए। इस शादी में पूरा परिवार, रिश्तेदार और दोस्त शामिल हुआ। वहीं हरिओम के परिवार ने दोनों बहुओं का समान रूप से स्वागत किया।
हरिओम का कहना है कि कांता अपनी बहन की देखभाल करना चाहती है। वह उन दोनों को हमेशा खुश रखेगा। दूल्हे हरिओम ने बताया कि वह खुद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, जबकि उसकी पत्नी कांता उर्दू से बीएड है। कांता की छोटी बहन यानी हरिओम की दूसरी पत्नी सुमन मानसिक रूप से कमजोर होने के चलते सिर्फ आठवीं तक ही पढ़ पाई थी।