आज हम उत्तर प्रदेश के झांसी के 55 साल के संत रामनारायण गिरि के बारे में बात कर रहें हैं जिनकी लंबाई मात्र 18 इंच 18 सेमी ही है. दरअसल इनका वजन भी सिर्फ 18 किलो है. वहीं श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े से जुड़े रामनारायण के हरिद्वार स्थित हरकी पौड़ी पर पहुंचते ही उनको देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ आई कोई सेल्फी लेने लग गया तो कोई आशीर्वाद मांगने लग गया संत रामानारायण गिरि की कद काठी ही उनकी अलग पहचान बन चुकी है मूल रूप से झांसी निवासी रामनारायण 15 साल की उम्र में अनाथ हुए थे सिर से माता-पिता का साया उठ जाने के बाद जूना अखाड़े से जुड़ गए थे वहीं से संत रामनारायण गिरि के रूप में उनको पहचान मिल गई वे अब तक उज्जैन, नासिक, प्रयागराज और हरिद्वार के 12 कुंभ देख चुके हैं. हरिद्वार कुंभ में 11 मार्च महाशिवरात्रि पर्व के शाही स्नान के लिए वे बलिया यूपी से आएं हुए हैं.
संत रामनारायण हरकी पैड़ी पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लग गया था वो व्हीलचेयर पर बैठे हुए थे और उनका सहयोगी उनको हरकी पैड़ी के दर्शन करवा रहा था. संत को देखते ही आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. दरअसल हरिद्वार में कुंभ के साथ अब शारदीय कांवड़ यात्रा की पूरी रौनक बनी हुई है. शनिवार को बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के शिव भक्त गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार आए हुए थे हरकी पैड़ी समेत भी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी थी.
हालाँकि शिव भक्तों ने गंगा स्नान के बाद कांवड़ उठा ली और अपने अपने जिलों के लिए चल दिए. दरअसल महाशिवरात्रि के दिन शिवालयों में गंगाजल चढ़ाया जाने वाला है लगातार तीन दिन तक पेशवाइयों की धूम के बाद तीर्थनगरी में शनिवार को कांवड़ यात्रियों की भीड़ जमा हो गई.
आपको बता दें कि शुक्रवार रात से ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना शुरू हो चुका था सुबह होते ही कांवड़ यात्रियों ने कांवड़ उठाई और अपने क्षेत्रों के लिए रवाना हो गए यह क्रम सुबह से शाम तक जारी रहा हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे पर सबसे ज्यादा कांवड़ियों की वापसी देखी गई.
वहीं यह मार्ग बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारो से गूंज उठा था हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों के साथ ही अपर रोड पर दिन भर पैर रखने की भी जगह नहीं मिल रही थी इस दौरान पुलिस को हरकी पैड़ी की तरफ जाने वाले अपर रोड को बंद करना पड़ गया वाहनों को दूसरे मार्ग से भेजने की व्यवस्था की गई.