कई बार लड़कियां ऐसा काम करके दिखा देती है जिसके चलते वह काफी ज्यादा सुर्खियों का हिस्सा बन जाती है. ऐसा ही एक कारनामा हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव बसई की रहने वाली ममता यादव ने करके दिखाया है. गौरतलब है कि ममता यादव ने महज 24 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया में पांचवी रैंक हासिल कर अपने माता-पिता का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया था. ममता हरियाणा राज्य के जिस शहर से आती है. वहां पहली बार कोई महिला आईएएस अधिकारी बनी है. रिजल्ट सामने आने पर पूरे गांव वालों ने बड़े ही धूमधाम से ममता के आईएएस अधिकारी बनने की खुशी मनाई. ममता की मां सरोज देवी एक हाउसवाइफ है वहीं ममता के पिता अशोक यादव एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं.
जानकारी के लिए बता दे ममता शुरू से ही पढ़ाई में काफी ज्यादा होशियार थी. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी और वह इस दौरान टॉपर रही थी. जिसके बाद वह आईएएस बनने की लगातार कोशिश में लग गई. इसके लिए उन्होंने कठिन मेहनत करके यूपीएससी की तैयारी की. यूपीएससी की तैयारी करने के लिए ममता अपने दिन के 10 से 12 घंटे अपने पढ़ाई को देती थी. और इस लड़की ने अपनी पढ़ाई की पूरी तैयारी भी खुद ही की. गौरतलब है कि ममता ने यूपीएससी की परीक्षा पार करने से पहले एसएससी की परीक्षा पास की थी.
बताते चलें कि ममता ने साल 2020 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी इस परीक्षा में इस छात्रा की 556वि रैंक थी. परीक्षा को पास करने के बाद उन्हें रेलवे में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. लेकिन ममता यादव अपनी इस नौकरी से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी. जिसके चलते उन्होंने फिर एक बार कठिन मेहनत कर परीक्षा देने के बारे में सोचा इस बार ममता ने ऑल इंडिया में 551 रंग प्राप्त की और यह पांच वी रैंक थी. ममता ने अपनी कठिन मेहनत और तेज दिमाग के दम पर एक उपलब्धि हासिल की जिसके चलते उनके माता-पिता को भी उन पर काफी ज्यादा गर्व महसूस होता है.
गौरतलब है कि बहुत ही कम लोग इस दुनिया में ऐसे मौजूद होते हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन कर सामने आते हैं. ममता अपने गांव की पहली ऐसी महिला है जो सिविल सर्विसओं में शामिल होकर आईएएस बनी है. ममता के यहां मुकाम हासिल करने के बाद उनके परिवार के साथ साथ गांव का हर काफी ज्यादा हर्षित है. उम्मीद है कि ममता के बाद अब इस गांव से और भी कई लड़कियां आईएएस और आईपीएस बनेंगी ममता सभी के लिए प्रेरणा बन कर उभरेगी. सर ममता ने तो आईपीएस की परीक्षा में पांचवी रैंक प्राप्त कर अपने गांव का नाम रोशन किया है.