गरीबी में बिताया है ‘तारक मेहता’ के अब्दुल ने अपना जीवन, आज जीते हैं खुशहाल जिंदगी, जानिए इनकी कहानी
टीवी जगत का सबसे मशहूर व लोकप्रिय शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ पिछले 13 सालों से लगातार दर्शकों का पसंदीदा शो बना हुआ है. इस शो में काम करने वाले हर कलाकार की एक अलग पहचान बन चुकी है. शो में काम कर रहे सब लोगों को दर्शकों का भरपूर प्यार मिलता रहा है. शायद यही कारण है जो यह शो इतने साल पुराना होने के बावजूद भी टीआरपी लिस्ट में टॉप पर आता है. वहीँ इस शो में बहुत से ऐसे कलाकार काम कर रहे हैं जिनका बचपन गरीबी व तनाव में बीता है लेकिन अब वह धारावहिक के ज़रिए करोड़ों रुपया कमा कर आलिशान जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं. उन्ही में से आज हम जिसकी बात करने जा रहे हैं, वह कोई और नहीं बल्कि हमारे चहीते ‘अब्दुल’ हैं. अब्दुल उर्फ़ शरद संकला आज जिस मुकाम पर है, वहां पहुँचने के लिए उन्होंने काफी कठिन मेहनत की है.
बता दें कि सब टीवी के पॉपुलर शो ‘तारक मेहता’ में अधिकांश कलाकार ऐसे हैं जिनका शुरुआती जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है. वहीँ अब्दुल उर्फ़ शरद का नाम भी उन कलाकारों की लिस्ट में शामिल है जो आज अपनी मेहनत के बलबूते पर सबके दिलों पर राज करते हैं और लाखों रूपये कमा रहे हैं. गौरतलब है कि शरद संकला ने अभी तक अपने करियर में 35 से ज्यादा शोज़ और फिल्मों में काम किया है लेकिन उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा है. आज उनके पास किसी चीज़ की कोई कमी नही है और वह मुंबई में अपने दो रेस्टोरेंट भी चला रहे हैं.
शरद ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1990 में बनी फिल्म ‘वंश’ से की थी. इसमें वह चार्ली चैपलिन का किरदार निभाते हुए नज़र आए थे. इस रोल के लिए उन्हें केवल 50 रूपये प्रतिदिन मिलते थे. लेकिन फिर भी उन्होंने कभी हार नही मानी और आगे बढ़ते रहे. उन्होंने ‘खिलाडी’, ‘बादशाह’ आदि फिल्मों में भी अभिनय किया लेकिन वह उस पहचान को हासिल नहीं कर पाए जिसके वह हकदार थे. इन फिल्मों के आठ साल तक उन्हें बिना काम के ही जीना पड़ा. एक इंटरव्यू में शरद ने बताया था कि आठ साल उन्होंने लगभग हर प्रोड्यूसर का दरवाज़ा खटखटाया था लेकिन उन्हें कोई काम नहीं मिला. ऐसे में उन्होंने यहाँ टिकने के लिए सहायक, कास्टिंग डायरेक्टर और कोरियोग्राफर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया और कुछ कैमियों किरदार को निभाते हुए भी दिखे. इन सब के बावजूद भी सफलता उनके हाथ नहीं लगी. एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें खाने के लाले पड़ गए थे परन्तु उन्होंने मेहनत से कभी नाता नहीं तोडा और आगे बढ़ते गए.
शरद के अनुसार उनके कॉलेज के दिनों में निर्माता असत मोदी और वह एक ही बेंच पर बैठा करते थे. ऐसे में वह एक दूसरे को बखूबी जानते थे. शायद यही कारण था जो असत ने उन्हें ‘अब्दुल’ का किरदार निभाने के लिए ऑफर दे दिया था. ऐसे में शरद के पास रोल को स्वीकार करने के इलावा दूसरी कोई चॉइस भी नहीं थी इसलिए उन्होंने हाँ कह दिया था. शरद के अनुसार शुरुआत थोड़ी कठिन थी लेकिन बाद में वह काफी लोकप्रिय हो गए थे और आज भी उन्हें लोग उनके करैक्टर के नाम से पहचानते हैं. शरद की शादी को 25 साल हो चुके हैं. उनकी पत्नी प्रेमिला एक आम हाउस वाइफ है. वही उनके दो बच्चे हैं. उनकी बेटी कृतिका कॉलेज में पढ़ती है जबकि बीटा मानव अभी स्कूल में हैं.