नौकरी छोड़ इस शख्स ने शुरू की आम की खेती, अब 22 तरह के आम उगा कर कमाते हैं हर साल 50 लाख रूपये
काकासाहब रावत एक ऐसे इंसान है जो कभी आम आदमी की तरह ऑटोमोबाइल्स कंपनी में जॉब कर अपना घर चलाया करते थे लेकिन आज यह अपने बगीचे में आम उगाकर 50 लाख तक की सालाना कमाई कर रहे हैं. 45 साल के रावत साहब जब बगीचे में आम के अलग-अलग तरह के पौधे लगा रहे थे. तब लोगों ने उनका खूब मजाक उड़ाया था लेकिन आज अपनी जिंदगी में जब उन्होंने सफलता हासिल कर ली है. तो वही लोग उनकी सफलता की मिसाल देते हैं. आज हम आपको काका साहब रावत की कहानी सुनाने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि रावत जिस इलाके से आते हैं वहां पर आम की पैदावार अच्छी नहीं होती. लोगों का मानना है कि कोंकण में ही बढ़िया हापुस आम की पैदावार की जा सकती है लेकिन अब इस शख्स ने लोगों द्वारा की जाने वाली इन बातों पर पूर्ण विराम लगा दिया है. कि आज यह शख्स उसी इलाके मे आम की अच्छी खासी पैदावार कर लाखों रुपए की कमाई कर रहा है. बता दें कि रावत ने अपने दो भाइयों और स्कूल टीचर के साथ मिलकर महाराष्ट्र के सांगली जिले के पास 20 एकड़ जमीन खरीदी.लेकिन यह एक ऐसा क्षेत्र था जो उस समय सूखे की चपेट में आया हुआ था. गांव में लगभग 280 परिवार अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे थे और यह शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर था.
गौरतलब है कि यहां पर रहने वाले किसान या तो अंगूर या फिर अनार गाया करते थे इसी के साथ वह लोग बाजरा गेहूं और चावल की खेती किया करते थे. उस समय काका साहब टेक्निकल इंस्टीट्यूट में फैकल्टी के मेंबर हुआ करते थे. लेकिन जब उनका ट्रांसफर हुआ तो उन्होंने गांव वापस आकर खेती करने का मन बना लिया. चलेगी रावत नाम के इस शख्स ने 2010 में आम के बगीचे के लिए पेड़ पौधे लगाने शुरू किए और उसके 5 साल बाद उन्हें इस बगीचे में व्यापार के अवसर दिखाई देने लगे. इसी बीच सूखे की चपेट में आए हुए उस गांव में सरकार की मदद से तलाब और दूसरे प्रोग्रामों की वजह से पानी की समस्या भी ठीक हो गई. गौरतलब है कि रावत ने अपनी जमीन को दो हिस्सों में बांट लिया जिसमें उन्होंने एक हिस्से में आम के पेड़ उगाए और दूसरे हिस्से में खेती करना शुरू कर दिया.
बता देगी इस शख्स ने 10 एकड़ में आम के पेड़ और बाकी के 10 एकड़ में अमरूद अनार के साथ चीकू के फल उगाना शुरू कर दिए. आज वह इतने सफल हो चुके हैं कि उनके 1 एकड़ से 2 टन आम की खेती हर साल की जाती है. अब रावत साहब दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन कर सामने आ रहे हैं और वह 25 लोगों को रोजगार दिए हुए हैं. नर्सरी से लेकर दूसरे पैक हाउस बनाने के लिए उन्हें सरकार से कई तरह की सब्सिडी मिलती हैं. रावत हर साल लगभग 2 लाख आम के पौधे बेचते हैं और यह अलग-अलग वैरायटी के होते हैं. बगीचे में लगभग 22 वैरायटी के आम होते है.