पिता थे चायवाले और खुद की चपरासी की नौकरी, आज टैलेंट के दम पर 37 करोड़ के मालिक हैं कोरियोग्राफर धर्मेश
पंखों से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है यह कहावत तो आप सब लोगों ने सुनी होगी. आज हम आपको एक ऐसी ही हंसते के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने जिंदगी की मुसीबतों का सामना करते हुए अपनी पहचान को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. आज हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर कोरियोग्राफर धर्मेश येलांडे की. आपको यह बात जानकर काफी ज्यादा हैरानी होगी कि कोरियोग्राफर बनने से पहले धर्मेश सर चपरासी का काम किया करते थे जी हां यह बिल्कुल सच है. एक समय तो ऐसा भी था जब वह सड़क पर वडापाव बेचा करते थे ताकि अपने घर की जीविका चला सके.
जानकारी के लिए बता दी धर्मेश आज हिंदी फिल्म जगत की जाने-माने कोरियोग्राफर में से एक है लेकिन इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी में कई सारी मुसीबत तो का सामना किया है. लेकिन आज उनके टैलेंट को फराह खान से लेकर रैंमो डिसूजा तक सलाम करते हैं. अपनी एक पोस्ट के जरिए धर्मेश नहीं अपने जिंदगी के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि कैसे उन्होंने तंग गलियों से निकलकर भारतीय डांस शो के जज बनने तक का सफर तय किया है.
गौरतलब है कि धर्मेश ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के फेसबुक पेज पर अपनी निजी जिंदगी के बारे में जानकारी शेयर करते हुए कहा था कि जब नगर पालिका ने उनके पिता की दुकान गिरा दी थी तो उनके लिए यह समय काफी मुश्किलों भरा हो गया था. क्योंकि उस समय उनकी परिवार की आमदनी का मुख्य जरिया वह दुकान ही थी जिसके बाद उनके पिता ने चाय की दुकान शुरू की. आगे धर्मेश ने लिखा कि पापा की चाय की दुकान मुश्किल से रोज 50 से 60 रुपए कमाती थी. किस परिवार से हमारे परिवार की जरूरतें पूरी करना पापा के लिए काफी मुश्किल था लेकिन इसके बाद भी वह एक-एक पैसा जोड़ हमारी स्कूल की पढ़ाई पर ध्यान देते थे.
जानकारी के लिए बता दें धर्मेश का कहना था कि वह बचपन से ही डांसर बनना चाहते थे जिसके कारण वह टीवी के सामने बैठ गोविंदा के डांस मुंव की कॉपी किया करते थे. उन्होंने सिक्स्थ क्लास में डांस प्रतियोगिता भी जीती थी परिवार की स्थिति खराब होने के बाद भी उन्होंने एक डांस क्लास में हिस्सा लिया था. इसके अलावा धर्मेश ने यह भी बताया कि 19 साल की उम्र में जब उन्हें कॉलेज में कम अंक प्राप्त हुए तो उन्होंने हमेशा के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी. जिसके बाद वह एक ऑफिस में चपरासी का काम करने लगे. यहां काम करने से 1600 रुपए हर महीने तनख्वाह मिलती थी जिससे वह अपने डांस क्लास की फीस भर दिया करते थे.
धर्मेश ने यह भी बताया कि आज वह अपनी कमाई से अपने परिवार के लिए नया घर खरीद चुके हैं. लेकिन उनके आज भी अपनी चाय की दुकान चलाते हैं धर्मेश का कहना है कि वह अपने पिता को लाख बार यह दुकान चलाने से मना कर चुके हैं लेकिन वह उनकी बात नहीं सुनते. इस जाने-माने कोरियोग्राफर ने इस बात का भी खुलासा किया कि इनकी मां कहा करती थी कि डांस से पैसे नहीं आएंगे लेकिन इसके बावजूद भी उनके लिए डांस सांस लेने जितना जरूरी था और आज वह देश के जाने-माने कोरियोग्राफर में से एक है और करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं.