ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव को न्याय का देवता बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही शनिदेव फल प्रदान करते हैं। अगर किसी व्यक्ति से शनिदेव प्रसन्न हो जाएं, तो उस व्यक्ति का जीवन सुधरने लगता है, जीवन की सारी दुख-परेशानियां दूर हो जाती हैं। परंतु कहते हैं कि शनिदेव एक बार जिस पर नाराज हो जाएं, तो उसका सब कुछ बर्बाद होते भी देर नहीं लगती।
ऐसी स्थिति में लोग अपने कर्मों को सुधारने और शनिदेव को प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करते रहते हैं। अगर आप भी शनि दोष, साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या से परेशान हैं, तो आप शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ खास उपाय करके इन समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
शुभ होता है पवित्र नदियों में स्नान करना
सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार देखा जाए तो जिस महीने अमावस्या वाले दिन शनिवार पड़ता है, उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। इस बार भाद्रपद माह की शनिश्चरी अमावस्या है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान करने और पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल मिलता है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन करना बहुत शुभ होता है। तो चलिए आपको बताते हैं शनिश्चरी अमावस्या कब है? और इस दिन कौन से विशेष उपाय किया जा सकता है।
27 अगस्त को है शनिश्चरी अमावस्या
आपको बता दें कि इस बार भाद्रपद अमावस्या 26 अगस्त को दोपहर 12:23 बजे से आरंभ होगी। यह शनिश्चरी अमावस्या 27 अगस्त को दोपहर 1:46 बजे पर समाप्त हो जाएगी। 27 अगस्त को सुबह से लेकर अगले दिन 28 अगस्त की सुबह 2:07 बजे तक इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर शिव योग बना रहेगा।
शनिश्चरी अमावस्या के उपाय
शनिदेव के मंदिर में दर्शन करें
आप शनिश्चरी अमावस्या वाले दिन सुबह उठ जाएं। स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात आप शनिदेव के किसी भी मंदिर में जाकर वहां पर शनि देव के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कीजिए। आप शनि मंदिर में बैठकर शनि चालीसा का पाठ कीजिए। ऐसा माना जाता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और उनके जीवन की सारी परेशानियां दूर करते हैं।
शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें
आप इस बार भाद्रपद अमावस्या पर सरसों के तेल से शनि देव की प्रतिमा का अभिषेक कीजिए। इसके पश्चात धूपबत्ती, धूप, काला तिल और गंध जैसी चीजें अर्पित कीजिए। अगर इस उपाय को किया जाए, तो इससे शनिदेव की भक्तों पर अपार कृपा बरसती है और जीवन में जो भी परेशानियां चल रही हैं, उनसे छुटकारा प्राप्त होता है।
जरूरतमंद लोगों को दान जरूर करें
शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव के मंदिर में जा कर पूजा करने के पश्चात जरूरतमंद लोगों को स्टील के बर्तन, काले तिल, काली उड़द, लोहा और शनि चालीसा का दान कीजिए। ऐसा करने से व्यक्ति के ऊपर से शनि दोष या साढ़े साती दूर होती है और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शनि रक्षा स्त्रोत का पाठ जरूर करें
अगर किसी व्यक्ति पर शनि देव नाराज हैं, तो इसके लिए शनिश्चरी अमावस्या पर शनि रक्षा स्त्रोत का पाठ जरूर करें। इससे शनिदेव की नाराजगी दूर होती है। ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने खुद इसकी रचना की थी। ऐसा भी माना जाता है कि इस स्त्रोत का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और सभी कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं।