इस दिन से शुरू हो रहा है सावन का महीना, जानिए तिथि, पूजा विधि और महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सावन का महीना बहुत ज्यादा पवित्र माना गया है। सावन के महीने में देवों के देव महादेव की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। शिव भक्तों को सावन के महीने का पूरे साल इंतजार रहता है। सावन के पवित्र महीने में भक्त भगवान शिव जी की पूजा अर्चना और व्रत करते हैं। भारत में यह पवित्र महीना बहुत ही धूमधाम के साथ लोग मनाते हैं। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सावन का महीना भगवान शिव जी को सबसे प्रिय है। यह महीना सनातन संस्कृति से जुड़े हुए लोगों के बीच भी बहुत महत्व रखता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पांचवा महीना सावन का महीना होता है और इससे पहले सोमवार का विशेष महत्व माना गया है। आपको बता दें कि इस बार श्रावण माह का प्रारंभ 25 जुलाई 2021 से होने वाला है और यह 22 अगस्त 2021 तक चलेगा। 26 जुलाई को इसका पहला सोमवार पड़ेगा। सावन महीने के पहले सोमवार को सभी शिव भक्तों को विधि-विधान पूर्वक भगवान शिवजी का व्रत करना चाहिए। आज हम आपको उस लेख के माध्यम से सावन के पहले सोमवार की पूजा किस प्रकार से करनी चाहिए, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
जानिए श्रावण मास के सोमवार की पूजा विधि
1. आपको बता दें कि श्रावण माह में सोमवार के व्रत के दिन भगवान शिव जी के साथ साथ माता पार्वती जी की भी पूजा की जाती है।
2. शिव भक्तों को सोमवार के दिन सुबह के समय जल्दी उठ जाना चाहिए और स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात आप व्रत का संकल्प लीजिए।
3. जब आप व्रत का संकल्प ले लें तो उसके बाद भगवान शिव जी और माता पार्वती जी की मूर्ति स्थापित करें और उसका जल अभिषेक कीजिए।
4. अब आप शिवलिंग की पूजा कीजिए। पूजा के दौरान आप शिवलिंग पर फूल, धतूरा, दूध आदि चीजें अर्पित कीजिए। उसके बाद आप मंत्रों का उच्चारण करते हुए भगवान शिव जी को सुपारी, नारियल, बेल की पत्तियां और पंचामृत अर्पित करें। वहीं दूसरी तरफ माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
5. जब आप यह सभी कार्य कर ले तब उसके पश्चात भगवान शिव जी के समक्ष तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करें और धूप और अगरबत्ती जलाएं।
6. जब आप दीपक जला लें तो उसके पश्चात भगवान शिव जी के समक्ष शांत बैठकर “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप कीजिए। आखिर में आप भगवान शिव जी की आरती उतारें और शिव चालीसा का पाठ श्रद्धा पूर्वक कीजिए।
7. जब आपकी पूजा समाप्त हो जाए तो आप प्रसाद सभी भक्तजनों के बीच बांटे।
8. भगवान शिवजी की पूजा पूरी होने के बाद आप सोमवार व्रत की कथा जरूर सुनें।
9. आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि कम से कम दिन में दो बार भगवान शिव जी की प्रार्थना जरूर कीजिए। शाम के समय पूजा खत्म होने के बाद आप अपना व्रत खोल सकते हैं और सामान्य भोजन का सेवन कर सकते हैं।
उपरोक्त आपको सावन का महीना कब से शुरू हो रहा है और सावन के पहले सोमवार की पूजा विधि के बारे में जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि भगवान शिव जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं और सावन का महीना भगवान शिव जी की पूजा अर्चना का विशेष महीना माना गया है। अगर आप श्रद्धा पूर्वक भगवान शिवजी की पूजा करेंगे तो इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।