पति ने कहा आज से चूल्हा चौंका मेरा तुम पढ़ाई करो… फिर पत्नी ने ऐसे IAS बन कर बढ़ाया ससुराल का अभिमान
जब मन में कुछ हासिल करने का जज्बा और पति का साथ मिले तो शादी के बाद भी लड़कियां कमाल कर देती हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया मेरठ की रहने वाली काजल ज्वाला ने. उन्होंने अपने सपने को शादी के बाद भी नहीं छोड़ा और कड़ी मेहनत से इसे पूरा किया. वहीं इस सफर में उनके पति ने भी बहुत साथ दिया.
दरअसल काजल ने मथुरा से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक किया. इसके बाद उनकी नौकरी विप्रो में लग गई. उन्होंने 2012 में तैयारी के साथ साथ नौकरी भी शुरू की काजल के मुताबिक, आईएएस के प्री एग्जाम में लगातार मिल रही असफलता ने उनका हौंसला बढ़ाया. काजल के अनुसार, मेरे घरवाले मुझसे कहते थे- अपने भविष्य की तरफ ध्यान दो और अतीत पर दुख न करो. वह मुझसे कहते थे कि तुम पढ़ाई में अच्छी हो और तुम ये कर सकती हो. काजल कहती हैं- शादी मेरे लिए कभी परेशानी नहीं बनीं. मेरे पति बहुत सपोर्टिव हैं. वो घर का सारा काम करते थे. खाना पकाने से लेकर झाड़ू-पोछा तक सब करते थे. मुझे कभी घर के कामों में पड़ने नहीं दिया. बोलते थे- तू सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे. मैं उनके हाथ का बना खाना खाती और पढ़ती थी.
वैसे तो काजल ज्वाला 9 साल से मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब कर रही थीं. काजल का सालाना पैकेज 23 लाख रुपए था. हालांकि, काजल ने नौकरी और शादीशुदा जीवन में तालमेल बनाते हुए अपनी तैयारी जारी रखी. वो घर में पैसों की कमी न हो इसलिए नौकरी नहीं छोड़ना चाहती थीं. वो दफ्तर जाते समय कैब में पढ़ाई करती थीं. काम से लौटकर खाना खाने के बाद पढ़ने बैठ जाती. वीकएंड पर काजल पूरा दिन पढ़ती.
इस तैयारी के बारे में काजल कहती हैं, “यूपीएससी का सिलेबस किसी सागर की तरह है. ऐसे में तैयारी के लिए जरूरी है रोजाना न्यूजपेपर पढ़ाना. ये आपको विचार बनाने में भी काफी मदद करता है. काजल के मुताबिक, हर स्टेज के लिए अलग रणनीति बनानी होती है. काजल के अनुसार, मेरे लिए वक्त की कमी सबसे बड़ी चुनौती थी. मेरी शुरुआती असफलता का कारण समय की कमी थी. हालांकि, काजल ने कोचिंग का सहारा नहीं लिया और सेल्फ स्टडी से तैयारी करती रहीं. तीन साल लगातार तैयारी करती रहीं और एग्जाम देती रहीं लेकिन प्री एग्जाम भी नहीं निकल सका.”
हालाँकि चार बार लगातार यूपीएससी क्रैक ना कर पाने का जब उन्होंने मूल्यांकन किया तो समझ में आया कि इसके पीछे उनकी ही तैयारी में कमी थी. उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा मेहनत शुरू कर दी. यूपीएससी के पांचवे अटेंप्ट में साल 2018 में उन्हें सफलता मिली और उन्हें आईएएस मेन्स में 1750 में 850 नंबर मिले. वहीं इंटरव्यू में उन्हें 201 नंबर मिले. फिर 28वीं रैंक के साथ काजल ने आईएएस क्लियर किया और आखिरकार पिता के अफसर बनने के सपने को पूरा करके ही सांस ली. काजल यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करने के टिप्स देती हैं. उन्होंने कहा, रोजाना अखबार जरूर पढ़ें और अपना ओपेनियन जरूर स्टैब्लिश करना चाहिए.