कोरोना में पत्नी को खोने के बाद शख्स ने बनवा दिया उसका मंदिर, रोज पहनाता है साड़ी, खिलाता है खाना, देखें तस्वीरें
प्यार एक खूबसूरत एहसास है। प्यार हमारे जीवन को सुंदर बनाने की शक्ति रखता है। प्यार एक ऐसा जज्बा है जिसके लिए हम सब तरसते हैं। आप सभी लोगों ने यह पुरानी कहावत तो सुनी होगी कि प्रेम और युद्ध में सब कुछ जायज है। आपके द्वारा लिए गए फैसले सही होते हैं या गलत यह तो समाज आंकलन करता है लेकिन अगर आपका प्यार पवित्र और निश्छल है तो यकीनन आपकी चर्चा चारों और होती है। प्यार करने वाले एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। हर कोई अपने प्यार की बहुत चिंता करता है और वह अपने प्यार को किसी भी परेशानी में नहीं देख सकता है। जब हम किसी से सच्चा प्यार करते हैं, तो हर समय उसको खोने का डर सताता रहता है।
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि इस दुनिया में हर कोई यही सोचता है कि वह जिससे प्यार करता है वह हमेशा उसके साथ रहे परंतु जिंदगी में कब क्या हो जाए, इसके बारे में बता पाना बहुत ही मुश्किल है। जिंदगी का चक्र लगातार चलता रहता है। जो इस दुनिया में आता है, वह एक ना एक दिन इस दुनिया को छोड़ कर जरूर जाता है। इसी बीच आज हम आपको मध्य प्रदेश से सामने आए एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर एक शख्स अपनी पत्नी को इतना प्यार करता है कि उसने उसकी मृत्यु के पश्चात उसका मंदिर बना दिया।
पत्नी की याद में बनवा दिया मंदिर
दरअसल, आज हम आपको जिस हैरान कर देने वाली खबर के बारे में बता रहे हैं यह मध्य प्रदेश में सितंबर 2021 में सामने आई थी। जब यह खबर लोगों को मालूम हुई तो हर कोई हैरत में पड़ गया था। जो भी इस खबर को पढ़ रहा था वह सोच विचार में पड़ गया। शाजापुर जिले में एक परिवार की महिला का जब देहांत हुआ तो पूरा परिवार उस गम में डूब गया। पत्नी की मृत्यु के पश्चात पति ने उसकी याद में मंदिर बनवा दिया।
जी हां, शख्स ने अपनी पत्नी की मृत्यु के पश्चात हमेशा उसको साथ रखने के लिए उसका मंदिर ही बनवा दिया था ताकि मृत्यु के बाद भी वह उसके साथ रहे। पति ने पत्नी की यह प्रतिमा 3 फीट की बनवाई। अब इस मंदिर की पूरे इलाके में खूब चर्चा है। यह मंदिर अपने आप में खास है क्योंकि इस इलाके में लोगों ने आज तक ऐसा मंदिर नहीं देखा और सुना है।
कोरोना की दूसरी लहर में महिला का निधन
आपको बता दें कि ग्राम सांपखेड़ा निवासी बंजारा समाज के नारायण सिंह राठौर अपनी पत्नी गीताबाई और बेटों के साथ परिवार सहित रह रहे थे। करोना की दूसरी लहर के दौरान 27 अप्रैल 2021 को गीताबाई का निधन हो गया था। परिजनों ने उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया परंतु हर कोशिश नाकाम रही। गीताबाई के दुनिया से जाने के बाद उनके बेटों के चेहरे मुरझा गए। वह अपनी मां से बहुत प्यार करते थे। मां को खोने के बाद उनका जीवन मायूस सा हो गया था।
तब बेटों ने पिता से मां की याद में मंदिर बनवाने का विचार रखा। पिता नारायण सिंह को यह विचार पसंद आया और वह मंदिर बनवाने के लिए तैयार हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक, पत्नी के नाम पर बना यह अनोखा मंदिर शाजापुर जिला मुख्यालय लगभग 3 किलोमीटर दूर सांपखेड़ा गांव में स्थित है। इस मंदिर में स्वर्गीय गीताबाई राठौर की प्रतिमा है। नारायण सिंह राठौर और उनके परिजन रोजाना इस प्रतिमा का पूजा-सत्कार करते हैं।
घर में कोई भी शुभ काम होता है तो सबसे पहले गीताबाई का आशीर्वाद लिया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि घर में बनने वाले भोजन का सबसे पहले भोग गीताबाई को लगाया जाता है। यहां तक कि रोजाना ही उनकी प्रतिमा की साड़ी भी बदलते हैं।
अलवर के कलाकारों ने तैयार की है प्रतिमा
आपको बता दें कि परिजनों ने अलवर के कलाकारों को 29 अप्रैल को गीताबाई की प्रतिमा बनाने का आर्डर दिया था। डेढ़ महीने बाद गीताबाई की प्रतिमा भी बन कर आ गई थी। प्रतिमा को देखने के बाद पूरे परिवार के चेहरे पर खुशी छा गई। मूर्ति स्थापना के लिए पंडितों को बुलाया गया और विधिवत मूर्ति की स्थापना की गई। दिवंगत गीताबाई के बेटों का ऐसा बताना है कि मां बस अब बोलती नहीं है लेकिन वह हर पल हमारे साथ है। परिवार का कोई ना कोई सदस्य हर दिन उनकी पूजा करता है।