नाना का सपना था बिटिया बड़ी होकर बने अफसर, तो अपनी कड़ी मेहनत से बिटिया बन गई IAS अधिकारी
बचपन से ही लोग आईएएस अधिकारी बनने का सपना पालते हैं। लेकिन यह बात हम सभी लोग जानते हैं कि आईएएस या फिर आईपीएस अधिकारी बनना कोई बच्चों का खेल नहीं है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा को पास करने के लिए दिन-रात संघर्ष करना पड़ता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए संघर्ष और दृढ़ता की जरूरत होती है।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो यह भी नहीं जानती थी कि आईएएस अधिकारी क्या है या कौन है? लेकिन फिर भी वह बनना चाहती हैं। दरअसल, आज हम आपको आईएएस अधिकारी अपराजिता शर्मा की कहानी बताने जा रहे हैं।
नाना कहते थे बिटिया बड़ी होकर अफसर बनेगी
आपको बता दें कि अपराजिता शर्मा बनारस की रहने वाली हैं। अपराजिता यह भी नहीं जानती थीं कि आईएएस क्या होता है, कैसे इस परीक्षा को पास करते हैं। तब से उनके मन में अफसर बनने का सपना चल रहा है। दरअसल, इसके पीछे की वजह उनके नाना हैं, जो हमेशा उनसे कहते थे कि मेरी बिटिया एक दिन अफसर बनेगी।
अपराजिता के मन को तो नहीं पता था कि अफसर बनना क्या होता है, पर बड़े होने पर उनके सामने कुछ ऐसी स्थितियां पैदा हुईं कि उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे एक करियर के तौर पर चुने लिया।
साल 2017 में 40वीं ऑल इंडिया रैंक के साथ पास की परीक्षा
अपराजिता को बचपन में यह नहीं मालूम था कि एक अधिकारी बनना कैसा होता है। लेकिन जब वह बड़ी होने लगीं, तो इसे गंभीरता से लिया और इसे अपने करियर के रूप में चुन लिया। अपराजिता के मुताबिक, यह पद प्रतिष्ठा ही नहीं संतुष्टि भी देता है। अपराजिता ने साल 2017 में 40 वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल कर इस परीक्षा को पास कर लिया था इसके साथ ही उनके बचपन का सपना भी साकार हुआ।
अपराजिता की शिक्षा
आपको बता दें कि अपराजिता की शुरुआती शिक्षा बनारस से हुई। इसके बाद ग्रेजुएशन के लिए वह बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रांची चली गईं। अपराजिता के पिता जी आईआरएस ऑफिसर पद से रिटायर हुए हैं और उनकी माताजी प्रोफेसर हैं। ग्रेजुएशन के बाद अपराजिता की एक बड़ी कंपनी में नौकरी लग गई। वह अपनी कंपनी की जिस ब्रांच में काम करती थीं, वहां पर वह एकमात्र लड़की थीं। उनके अलावा वहां पर कोई भी लड़की नहीं थी।
इतना ही नहीं बल्कि दूसरे विभाग में भी कोई लड़की नहीं थी। इसी कंपनी में हुई कुछ घटनाओं ने अपराजिता को प्रेरित किया और फिर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का तय लिया और ग्राउंड लेवल पर जाकर काम करने का फैसला लिया।
आईएएस बनने के बाद दिया ये सक्सेस मंत्र
अपराजिता का ऐसा बताना है कि तीनों परीक्षाओं की तैयारी के लिए आपको अलग-अलग स्ट्रेटजी बनानी होगी। सबसे पहले सिलेबस देखें और अपनी रूचि के मुताबिक की किताबें कलेक्ट कर लें। इसके साथ ही वह मल्टीपल सोर्सेज ना रखने के बाद भी कहती हैं।
अपराजिता कहती हैं कि अपनी किताबे सीमित रखें, पर उन्हें बार-बार रिवाइज करें, यह ज्यादा जरूरी है। अपनी ताकत और कमजोरी के हिसाब से अपनी रणनीति बनाएं क्योंकि हर कोई अलग होता है। रोज के रोज टारगेट सेट करें और उन्हें पूरा करें।