ज्योतिष ने कहा- तुमसे न हो पाएगा, ICU में भर्ती रहकर की तैयारी, पहले प्रयास में IAS बने नवजीवन पवार
हर कोई अपने जीवन में एक कामयाब इंसान बनना चाहता है, जिसके चलते सभी लोग मेहनत करते हैं परंतु सभी को अपने जीवन में कामयाबी मिल जाए ऐसा संभव नहीं हो सकता। अक्सर ऐसा कहा जाता है कि कड़ी मेहनत से ही आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं। अगर आपके इरादे मजबूत हैं, तो आप तमाम मुसीबतों के बावजूद अपना लक्ष्य जरूर हासिल कर सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आईएएस अधिकारी नवजीवन पवार की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने मजबूत इरादे और अपनी कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत बदल दी।
नवजीवन पवार ज्योतिषी की भविष्यवाणी को झूठा साबित करते हुए आईएएस बन गए। हालांकि, नवजीवन पवार के लिए ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा से पहले वह काफी बीमार पड़ गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और वह पहले ही प्रयास में आईएएस अधिकारी बन गए। नवजीवन पवार के जीवन के संघर्ष की कहानी उन लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक है, जो लोग आईएएस बनने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
कभी किया खेतों में काम तो कभी चलाया हल
आपको बता दें कि नवजीवन पवार महाराष्ट्र के नासिक के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। वह एक बेहद साधारण परिवार से आते हैं। नवजीवन के पिताजी किसान हैं और वह पढ़ाई के दौरान अपने पिता की मदद के लिए खेतों में काम भी करते थे। इसके अलावा नवजीवन खेतों में हल भी चलाया करते थे। नवजीवन का बचपन काफी संघर्षों से भरा रहा है।
पिता ने किया सपोर्ट
बचपन से ही नवजीवन पवार पढ़ाई में बहुत होशियार थे और 12वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद नवजीवन पवार ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में उनके पिता ने भी पूरा साथ दिया और उन्हें तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया।
ज्योतिषी ने कहा था- तुम आईएएस नहीं बन पाओगे
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, नवजीवन पवार ने एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि दिल्ली में उनके टीचर एक बार ज्योतिष के पास लेकर गए। ज्योतिष ने उनसे कहा था कि 27 साल की उम्र से पहले तुम आईएएस नहीं बन पाओगे। बस क्या था, ज्योतिष की यह बात नवजीवन पवार को काफी चुभ गई और उन्होंने यह ठान लिया कि वह इस परीक्षा को जरूर पास करके दिखाएंगे।
परीक्षा से पहले हुए बीमार
नवजीवन पवार को यूपीएससी परीक्षा से करीब 1 महीने पहले डेंगू हो गया था और उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इसके बावजूद भी नवजीवन पवार ने हार नहीं मानी और अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उनका हौसला देख डॉक्टर भी हैरान रह गए। नवजीवन बताते हैं कि अस्पताल में एक हाथ पर डॉक्टर इंजेक्शन लगा रहे थे और मेरे दूसरे हाथ पर किताब थी।
पहले प्रयास में पा ली सफलता
आखिरकार बीमारी से लड़कर ठीक होने के बाद नवजीवन पवार ने पहले अटेम्प्ट में ही प्रीलिम्स क्लियर कर लिया। नवजीवन पवार का ऐसा बताना है कि “रिजल्ट आने के बाद इंटरव्यू की तैयारी करने लगा। उस समय मेरे मन में ख्याल आया कि जब कोई मेरा भविष्य बता सकता है, तो मैं अपना फ्यूचर क्यों नहीं बदल सकता।” आखिरकार नवजीवन को सफलता मिली और ऑल इंडिया रैंक 316 हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को साकार किया।