हर माता-पिता अपने बच्चों को एक सफल इंसान के रूप में देखना चाहते हैं। बच्चों का भविष्य बनाने के लिए माता-पिता अपने जीवन में बहुत से समझौते करते हैं। दिन-रात मेहनत करके अपने बच्चों को पढ़ाते हैं ताकि उनका बच्चा आगे चलकर भविष्य में खूब तरक्की करें और अपने परिवार वालों का नाम रोशन करें।
वैसे देखा जाए तो इस दुनिया में बहुत से लोग अपने जीवन में कामयाबी पाने के लिए कठिन संघर्ष करते हैं परंतु ज्यादातर लोग कामयाबी के मार्ग में उत्पन्न होने वाली बाधाओं के आगे घुटने टेक देते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हर प्रकार की परिस्थितियों को पार करते हुए लगातार मेहनत करते हैं और आखिर में उनकी मेहनत रंग लाती है।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आईएएस ऑफिसर बनने वाली प्रीति हुड्डा की कहानी के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिनके पिता दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में बस चलाते थे। प्रीति हुड्डा ने अपने जीवन में बहुत सी कठिनाइयां देखी हैं परंतु उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपने पापा का सपना साकार किया है।
आपको बता दें कि प्रीति हुड्डा हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली हैं और वह एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। प्रीती हुड्डा का ऐसा बताना है कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान बहुत मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया है। शुरुआत में उन्होंने ऐसा सोचा भी नहीं था कि वह इस सेवा में आएँगी परंतु जैसे ही वह कॉलेज में आईं, उन्होंने आईएएस बनने का अपना लक्ष्य तय कर लिया था और उन्होंने अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर दिया।
प्रीति हुड्डा के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी परंतु इसके बावजूद भी उन्होंने गरीबी को अपने लक्ष्य के बीच आने नहीं दिया और उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। प्रीति हुड्डा में जेएनयू से हिंदी में पीएचडी की। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी उन्होंने एम. फिल. करने के बाद शुरू की थी। प्रीती हुड्डा का ऐसा बताना है कि जब उनको यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला तो बाद में उनके अंदर आत्मविश्वास और मजबूत हो गया और उन्होंने ठान लिया था कि किसी भी हाल में उनको यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी पानी है।
आपको बता दे कि प्रीति हुड्डा ने यूपीएससी की परीक्षा हिंदी माध्यम से दी थी और इंटरव्यू भी हिंदी में ही दिया था। उनका ऐसा बताना है कि इससे उनका आत्मविश्वास बना रहा। उनका बताना है कि इंटरव्यू में सारे सवालों का जवाब दें, यह आवश्यक नहीं है और यह किसी के लिए भी संभव नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में वह तीन सवालों के जवाब दे नहीं पाई थीं। पहले प्रयास में प्रीति हुड्डा को यूपीएससी की परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ा था परंतु दूसरे प्रयास में उन्होंने कामयाबी हासिल कर ली। उनका कहना है कि परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी है तो उसके लिए आत्मविश्वास का होना बहुत ही आवश्यक है। शुरुआती असफलता के बाद आप धैर्य नहीं खोएं।
प्रीति हुड्डा का ऐसा कहना है कि उन्होंने कभी भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को बोझ के रूप में नहीं लिया था। उन्होंने तैयारी के दौरान सारे काम किए और फिल्में भी देखी थी। उनका कहना है कि ज्यादा समय तक पढ़ाई करने से कोई खास फायदा नहीं होता है। अगर सोच-समझकर पढ़ाई की जाए और पूरे सिलेबस की तैयारी की जाए तो इससे सफलता जरूर मिलेगी।