बचपन में पिता ने कही थी ऐसी बात, बदल गई पूरी जिंदगी, फिर बिटिया ऐसे बनी IPS अधिकारी
ऐसा कहा जाता है कि जिसके हौसले बुलंद हों और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो उसे अपने जीवन में कामयाबी मिल ही जाती है। दुनिया में हर कोई इंसान यही चाहता है कि वह अपने जीवन में लगातार सफलता हासिल करें। अगर हम लड़कियों की बात करें, तो आजकल के जमाने में लड़कियां भी लड़कों से बिल्कुल भी पीछे नहीं हैं। हर क्षेत्र में लड़कियां अपने माता-पिता के साथ साथ देश का नाम रोशन कर रही हैं। ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं, जो छोटे गांव, कस्बे से आती हैं परंतु वह अपनी कड़ी मेहनत और लगन से कुछ ऐसा कर गुजरती हैं कि हर कोई उन्हें सलाम ठोकता है।
आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जो उन लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो छोटे से गांव, कस्बे से निकलकर कुछ कर गुजरने का सपना देखती हैं और उन्हें साकार करके ही दम लेती हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाली लकी चौहान की। लकी चौहान ने यूपीएससी एग्जाम 2012 में ऑल इंडिया में 246 रैंक हासिल की और IPS अधिकारी बनीं।
ट्रेनिंग के दौरान लकी चौहान की योग्यता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) की तरफ से उन्हें त्रिपुरा कैडर दिया गया। अब तक वह राज्य में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं और वर्तमान में त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर की एसपी पद पर तैनात हैं। हालांकि उनके लिए यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। बचपन में लकी चौहान के पिता ने उन्हें एक ऐसी बात कही थी जिसके बाद उन्होंने आईपीएस अधिकारी बनने का ठान लिया था।
उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव की रहने वाली हैं लकी चौहान
लकी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा नामक गांव में हुआ था। उनके पिताजी का नाम रोहताश सिंह चौहान है, जो पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं। वहीं उनकी मां सुमन लता चौहान टीचर हैं। लकी चौहान के पिता बताते हैं कि वह बचपन से ही पढ़ने में होनहार थीं।
पिता की एक बात ने बदल दी जिंदगी
मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो लकी चौहान ने एक प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया था, जब वह नर्सरी तलाश में थीं, जिसके बाद उन्हें एसपी या डीएम से सम्मानित किया गया था।यह देखकर उनके पिताजी ने उनसे एसपी या डीएम बनने के लिए कहा था। बस यही बात लकी चौहान के मन में बैठ गई और जब भी उनसे कोई पूछता की बड़ी होकर क्या बनोगी? तो वह अपने पिता की कही बात को ही दोहराया करती थीं।
लकी चौहान ने साइंस से 12वीं करने के बाद इंग्लिश लिटरेचर और इतिहास में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद लकी चौहान की सरकारी नौकरी लग गई थी और उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय में असिस्टेंट वेलफेयर एडमिनिस्ट्रेटर पद पर ज्वाइन किया। हालांकि, उनका सपना आईपीएस बनने का था। इसी वजह से उन्होंने नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय ले लिया।
3 साल की कड़ी मेहनत के बाद बनीं आईपीएस
लकी चौहान अपनी सरकारी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। आखिरकार 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद उनका चयन हो गया। लकी चौहान ने यूपीएससी एग्जाम 2012 में ऑल इंडिया में 246 रैंक हासिल की और आईपीएस अफसर बन गईं।