कोरोना महामारी के बीच रोजाना ही कोई ना कोई ऐसी खबर सुनने को मिल ही जाती है जिसको जानकर मन बेहद दुखी हो जाता है। मौजूदा समय में देश भर के हालात काफी बिगड़ चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक साबित हो रही है। रोजाना ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में बेड की भारी कमी है। इतना ही नहीं बल्कि ऑक्सीजन की भी कमी हो रही है, जिसके चलते कोरोना संक्रमित मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं।
कोरोना काल हर तरफ कोरोना से जुडी हुई खबरें सुनने को मिल रही है हैं। अक्सर करोना काल में ऐसे कई वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं जिनकी पूरी कहानी आम इंसान को झकझोर देती है। इस मुश्किल समय में देशभर से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। अस्पतालों के हालात कैसे हैं, आप सभी लोग तो अच्छी तरह जानते ही हैं। दवा और ऑक्सीजन ना मिलने के कारण मरीजों को बहुत दिक्कत हो रही है। इसी बीच पंजाब के जालंधर से एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है।
दरअसल, यहां पर एक बेबस पिता अपनी 11 साल की बेटी के शव को कंधे पर लाद कर ले जाने को मजबूर हो गया था। मिली जानकारी के अनुसार बच्ची के अंदर कोरोना वायरस जैसे लक्षण दिखे थे। कोरोना की वजह इस बच्ची की जान चली गई, जिसके बाद उसकी अर्थी को कंधा देने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ था। पिता लोगों से मदद मांगता रहा लेकिन इस बेबस पिता की पुकार किसी ने भी नहीं सुनी। आखिर में मजबूर पिता अपनी बेटी के शव को कंधे पर लादकर श्मशान घाट तक ले गया। जहां पर उसने अपनी 11 साल की बेटी का अंतिम संस्कार किया।
Utterly heartbroken to see this. This migrant from Odisha working in Jalandhar is carrying his daughter’s body to the cremation ground. The #pandemic has been devastating to the poor who must still step out to earn their daily bread. May Gurusahab protect us all.#COVIDEmergency pic.twitter.com/JqmkR2qIyI
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) May 15, 2021
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर शव ले जाने वाले शख्स का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमत कौर बादल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह लिखा है कि “यह देखकर दिल एक दम टूट गया। जालंधर में काम करने वाला उड़ीसा का यह प्रवासी अपनी बेटी के शव को कंधे पर उठाकर श्मशान घाट ले जा रहा है। महामारी उन गरीबों के लिए विनाशकारी रही, जिन्हें अभी भी अपनी दैनिक कमाई के लिए बाहर निकलना पड़ता है। गुरुसाहब हम सबकी रक्षा करें।”
खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि इस शख्स का नाम दिलीप कुमार है और यह मूल रूप से उड़ीसा का रहने वाला है। दिलीप कुमार ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं। बेटी सोनू जिसकी उम्र 11 साल की थी। उनकी बच्ची को पिछले 2 महीने से बुखार आ रहा था। दिलीप कुमार ने बताया कि उनकी बेटी का अमृतसर में इलाज चल रहा था परंतु उनकी बेटी की मृत्यु हो गई। उसके बाद शव को चादर में लपेटकर उनको सौंप दिया गया।
आपको बता दें कि 9 मई को उनकी बेटी की मृत्यु हो गई थी। जब उनकी बेटी का निधन हुआ तो उनके अंतिम संस्कार के लिए उन्होंने लोगों से सहायता मांगी परंतु उनकी मदद के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ। ऐसा कोई भी शख्स सामने नहीं आया जो दिलीप की बेटी की अर्थी को कंधा दे। आखिर में मजबूर पिता अपनी बेटी की लाश को खुद कंधे पर उठाकर श्मशान घाट ले गया।