इंसान की किस्मत में कब या लिखा हो, कोई नहीं जानता. यह किस्मत कभी भी पलटी मार सकती है और भिखारी को राजा व राजा को भिखारी बना सकती है. लेकिन अगर किस्मत बुरी हो जाए तो इंसान के पास सब कुछ होते हुए भी कुछ हाथ नहीं आता. कुछ ऐसा ही मामला हाल ही में देखने को मिला है. जहाँ संजू देवी नामक महिला के साथ कुदरत ने कुछ इस कदर से खिलवाड़ किया कि वह सब कुछ पास होते हुए भी गरीबी की जिंदगी जी रही है. पति के निधन के बाद संजू देवी ने दो बच्चों का पेट पालने के लिए मजदूरी करना शुरू कर दिया था साथ ही वह जानवर पाल कर भी घर का खर्चा चला रही है.
गौरतलब है कि पाई-पाई की मोहताज संजू देवी आज करोड़ों रूपये की मालकिन है लेकिन फिर भी परिवार चलाने के लिए उसे दिन रात मेहनत करनी पड़ रही है. अब आप सोच रहे होंगे क्यों? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में संजू देवी के घर इनकम टैक्स की रेड मारी गई थी. इस दौरान पाया गया कि वह कम से कम 100 करोड़ रूपये की मालकिन हैं. इनकम टैक्स को संजू देवी के नाम 64 बीघा ज़मीन मिली है. संजू एक आदिवासी महिला है. वह खुद भी नहीं जानती कि उसके पास वह ज़मीन कब और कहा से आई. लेकिन बुरी किस्मत तो देखिए कि उसके पास ख़ुशी आई भी तो केवल दो पल की ही. क्यूंकि यह ज़मीन अब इनकम टैक्स विभाग ने अपने कब्ज़े में ले ली है.
दरअसल, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर बने दंड गाँव में पड़ने वाली ज़मीनों पर हाल ही में आयकर विभाग ने बैनर लगा कर इन्हें बेनामी संपत्ति घोषित कर दिया है. आयकर विभाग ने इन सभी ज़मीनों को कब्ज़े में ले लिया है. इन ज़मीनों पर लगे बैनर्स के अनुसार इनकी मालकिन संजू देवी मीणा है जिसकी वह मालकिन नहीं हो सकती ऐसे में इनकम टैक्स विभाग इस ज़मीन को अपने कब्ज़े में ले रहा है. मामले की जांच पड़ताल के दौरान पता चला है कि संजू देवी के पति और ससुर मुंबई में काम किया करते थे और साल 2006 में उन्होंने उससे एक कागज़ पर अंगूठा लगवाया था.
संजू देवी ने बताया कि अब उसके पति को गुज़रे 12 साल बीत चुके हैं और वह नहीं जानती कि उसके नाम कितनी ज़मीन है या फिर कहाँ पर है. संजू के अनुसार पति के निधन के बाद उसके घर पर कोई पांच हजार रूपये दे जाता था जिसमे से ढाई हजार उसकी फुफेरी बहन रख लिया करती थी. परंतु अब काफी साल बीतने के बाद ना तो कोई पैसे दे रहा था और ना वह संपत्ति के बारे में कुछ जानकारी रखती है. जानकारी के अनुसार आयकर विभाग को यह शिकायत मिली थी कि दिल्ली हाईवे पर बड़े बड़े उद्योगपति आदिवासियों की ज़मीन को फर्जी तरीके से अपने नाम कर रहे हैं. जबकि आदिवासी की ज़मीन को केवल एक आदिवासी ही खरीद सकता है. ऐसे में जब इनकम टैक्स वालों ने ज़मीनों के मालिकों की खोज की तो पता चला कि इनमे से कईं ज़मीने संजू देवी मीणा के नाम पर है. संजू राजस्थान के सीकर जिले के नीम थाना तहसील के दीपावास गाँव में रहती है जोकि अपनी जायदाद से अनजान है.