भारतीय लोग हमेशा से हर क्षेत्र में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते आएं हैं. शिक्षा, खेल, विज्ञान और अन्य सभी क्षेत्रों में भारतीयों ने अलग पहचान स्थापित की है. आज हर कोई भारत की ताकत को देख रहा है और भारत का लोहा मान रहा है. ऐसा अक्सर ही होता है कि भारतीय नागरिक अपने कार्य से सभी को चौंका देते हैं, ऐसा ही एक कारनामा एक बार फिर भारतीय महिलाओं ने कर दिखाया है. चलिए आपको बताते हैं पूरा किस्सा…
दरअसल एयर इंडिया की महिला पायलटों की टीम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. बता दें कि भारतीय महिला पायलटों की टीम उत्तरी ध्रुव के ऊपर से दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उड़ान भर चुकी हैं. वहीं ये महिलाएं अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को से 16,000 किलो मीटर की दूरी तय करते हुए 9 जनवरी को बेंगलुरु पहुंच गई थी. 16 हजार किलो मीटर के इस सफर पर करवे वाली टीम को पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल लीड कर रही थी.
हालाँकि एयर इंडिया की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पायलट कैप्टन जोया और उनकी टीम को यह कार्य सौंपा गया था. आपको बता दें कि जोया वही महिला पायलट हैं जिन्होंने 2013 में बोइंग-777 विमान उड़ाया था, उस समय यह विमान उड़ाने वाली वे सबसे युवा महिला पायलट रही थी. यही कारण है कि उन्हें इस बार यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
मेरे लिए एक सुनहरा अवसर
बता दें कि कैप्टन जोया ने कहा है कि, दुनियाभर में ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी में नॉर्थ पोल या इसका नक्शा भी नहीं देख पाएंगे. मैं सच में खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय और हमारे फ्लैग कैरियर ने मुझ पर भरोसा जताया है और. नॉर्थ पोल के ऊपर से सैन फ्रैंसिस्को से बेंगलुरु तक दुनिया की सबसे लंबी और बोइंग 777 से पहली उड़ान को कमांड करने वाकई सुनहरा अवसर प्रदान किया है.
पायलटों का सपना होता है ये रूट
वहीं यह ऐसा पहला मौका है जब कोई महिला पायलट टीम ने ऐसा सफर तय किया हो. इस सफर में नॉर्थ पोल से गुजरने का रोमांच यात्रा का सबसे अहम हिस्सा होता है. क्योंकि नॉर्थ पोल को देखना और वहां से गुजरना कई प्रोफेशनल पायलटों का सपना रहता है. दरअसल कोई भी एयर लाइन कंपनी इस रूट पर अपने सबसे अनुभवी पायलटों को भेजती हैं. इस सपने को अब इन 19 महिला पायलटो ने पूरा कर लिया है.