गरीबी में गुजरा गुलशन ग्रोवर का बचपन, कभी स्कूल फीस भरने के लिए बेचा करते थे डिटर्जेंट, ऐसे बने बॉलीवुड के बैड मैन

मनोरंजन जगत में एक से बढ़कर एक दिग्गज अभिनेता और अभिनेत्रियां मौजूद हैं। जिन्होंने अपनी बेहतरीन एक्टिंग के बलबूते दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। इसके साथ ही कुछ ऐसे खूंखार विलेन भी हैं, जिन्होंने अपनी अदायगी से हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया। उन्हीं मशहूर और खूंखार विलेन में गुलशन ग्रोवर का भी नाम शुमार है। जी हां, गुलशन ग्रोवर बॉलीवुड इंडस्ट्री के “बैड मैन” के नाम से पहचाने जाते हैं। देश दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो खलनायक के किरदार में गुलशन ग्रोवर को काफी पसंद करते हैं। गुलशन ग्रोवर का अभिनय इतना जबरदस्त होता है कि जब वह पर्दे पर आए तो दर्शक उन्हें खौफ और नफरत की निगाह से देखने लगे।

21 सितंबर 1955 में जन्मे गुलशन ग्रोवर इस साल अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। गुलशन ग्रोवर ने ज्यादातर फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं निभाई हैं। ऐसी बहुत कम ही फिल्में होंगी जिसमें बॉलीवुड के “बैड मैन” सकारात्मक किरदार में नजर आए होंगे। ज्यादातर फिल्मों में उन्होंने खलनायक की भूमिका निभा कर लोगों के दिलों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है।

गुलशन ग्रोवर अपने फिल्मी करियर में करीब 400 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। हिंदी फिल्मों के अलावा वह हॉलीवुड, जर्मन, ऑस्ट्रेलियन, ईरानी, ब्रिटिश जैसी कई विभिन्न भाषाओं में भी कार्य कर चुके हैं। आज हम आपको गुलशन ग्रोवर के जीवन से जुड़ी हुई कुछ खास बातें बताने वाले हैं।

मौजूदा समय में गुलशन ग्रोवर किसी के परिचय के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय के बलबूते अच्छा खासा नाम कमाया है। आज उनके पास दौलत, शोहरत किसी भी चीज की कमी नहीं है परंतु एक वक्त ऐसा था जब गुलशन ग्रोवर को अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा था। गुलशन ग्रोवर का बचपन बेहद गरीबी में व्यतीत हुआ है। गुलशन ग्रोवर ने इस बारे में एक इंटरव्यू के दौरान बातचीत की थी।

गुलशन ग्रोवर ने इंटरव्यू में यह कहा था कि “मैंने अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखा। मेरा बचपन बहुत बुरे हालातों से गुजरा। मुझे आज भी याद है कि मेरा स्कूल दोपहर का था, लेकिन मैं सुबह से ही अपनी यूनिफार्म पहन कर निकल जाया करता था। हर सुबह मैं अपने घर से दूर बड़ी बड़ी कोठियों में बर्तन और कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट पाउडर बेचा करता था। यह सब बेचकर पैसे कमाता था।”

उन्होंने आगे कहा कि “उन कोठियों में रहने वाले मुझसे सामान खरीद लिया करते थे क्योंकि वह चाहते थे कि मैं पढ़कर कुछ बड़ा कर सकूं। मैं गरीबी से कभी घबराया नहीं, इसकी वजह यह थी कि मेरे पिता ने हमेशा मुझे ईमानदारी से रहना सिखाया था। उन दिनों हमारे पास खाने के लिए पैसे नहीं थे और हमें कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता था। मुंबई आने के बाद भी हालात काफी समय तक ऐसे ही थे लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।”

आपको बता दें कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में एंट्री करने से पहले गुलशन ग्रोवर ने थिएटर ज्वाइन किया था और एक्टिंग सीखी। काफी लंबे समय तक थिएटर में काम करने के बाद उन्होंने मुंबई आने का निर्णय लिया। पहली बार फिल्म “हम पांच” में गुलशन ग्रोवर नजर आए थे। इस फिल्म के अंदर उनका छोटा सा किरदार था। इसके बाद उन्होंने बुलंदी, रॉकी, सदमा, अंदर बाहर और विराना जैसी कई फिल्मों में काम किया परंतु फिल्म “राम लखन” से उन्हें असली पहचान मिली थी।

आपको बता दें कि फिल्म “राम लखन” में गुलशन ग्रोवर के किरदार का नाम “बैड मैन” था और इस फिल्म में उनका किरदार इतना अधिक मशहूर हुआ कि इंडस्ट्री में गुलशन ग्रोवर को बैड मैन के नाम से ही बुलाने लगे। गुलशन ग्रोवर ने एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि “जब मैंने फिल्मों में एंट्री ली तो मुझे महसूस हुआ कि मैं एक स्टार बनना चाहता हूं। मैंने फिर खलनायक बनने का सोचा।” उन्होंने कहा कि “फिल्मों में खलनायक की जिंदगी लंबी होती है। उनकी लंबी उम्र, व्यक्तिगत घमंड उनके लुक्स पर नहीं बल्कि प्रदर्शन पर आधारित होता है। मुझे कुछ ऐसा ही करना था। इसलिए मैंने यह रास्ता चुना।”

आपको बता दें कि गुलशन ग्रोवर ने अपने फिल्मी करियर में कई प्रसिद्ध फिल्में दी हैं जिनमें से हम पांच, सोनी महिवाल, दूध का कर्ज, इज्जत, सौदागर, कुर्बान, राम लखन, इंसाफ कौन करेगा, अवतार, मोहरा, दिलवाले, हिंदुस्तान की कसम, इंटरनेशनल खिलाड़ी जैसी फिल्में शामिल हैं।