क्या एयर इंडिया को खरीद रही है TATA कंपनी? जल्द आ सकता है ये फैसला
सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया के टाटा समूह के नियंत्रण में जाने की खबरें आज सूत्रों के हवाले से मीडिया में चल रही हैं. लेकिन इस बीच सरकार का कहना है कि अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है और जब होगा तो जानकारी दी जाएगी. एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी. यह दूसरा मौका है जब सरकार एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था.
दिसंबर तक पूरी होगी प्रकिया
सचिव (निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव) ने इस मामले में जानकारी देते हुए एक ट्वीट भी किया था जिसमे उन्होंने लिखा कि, “मीडिया में जो बात सामने आई हैं कि सरकार ने एयरइंडिया के फाइनेंशियल बिल को पास करने की हामी भर दी है जिसके बाए में आगे फैसला लेते ही मीडिया को सूचित कर दिया जाएगा.’ सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. Air India के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं. ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है. सरकार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी, जबकि ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.
एयर इंडिया पर है 37,000 करोड़ रुपए का कर्ज
बजट एयरलाइन ने 30 जून को स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि वह अपने कार्गो व्यवसाय को एक अलग यूनिट में बदलने की योजना बना रही है.इसके लिए शेयरहोल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी. बता दें कि एयर इंडिया पर करीबन 37,000 करोड़ रुपए का कर्ज है. हालांकि ऐसी संभावना है कि बोली लगाने वाली कंपनियां इसमें कटौती की मांग कर सकती हैं. अब तक एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वाली दूसरी एकमात्र क्वालिफाइड बिडर टाटा संस है. आपको बता दें कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने ही साल 1932 में पहली बार शुरू किया था. बाद में टाटा ने इसे सन् 1953 में सरकार को बेच दिया था.
कंपनी का रेवेन्यू
ख़बरों की माने तो स्पाइस जेट में अजय सिंह लगभग 60 प्रतिशत हिस्से के ओनर हैं. बीते गुरुवार को इस कंपनी का शेयर 80 रूपये में जाकर बंद हुआ था ऐसे में देखा जाए तो कंपनी का मौजूदा मार्किट कैप लगभग 4850 क्रोस का है जबकि इसकी होल्डिंग की वैल्यू 2900 करोड़ है.. 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में स्पाइसजेट का रेवेन्यू 5000 करोड़ रुपए रहा जो एक साल पहले 12,000 करोड़ रुपए था. कंपनी नुकसान में है, लेकिन उसके कार्गो बिजनेस का रेवेन्यू एक साल में 5 गुना बढ़ा है. 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में इसका रेवेन्यू 1175 करोड़ रुपए रहा जो उससे पिछले साल 180 करोड़ रुपए रहा था.
ऐसे सरकारी कंपनी बनी Air India
Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा ने इसकी शुरुआत की थी, वे खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया. वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.