जबलपुर के इस परिवार के घर में है अनोखा पेड़, तस्वीरें देख कर आप भी कंफ्यूज ही जाएंगे कि घर में पेड़ है या फिर पेड़ पर घर?
आजकल लोग आलीशान घर बनवाने के लिए जमीनों के बीच में लगे पेड़ों को कटवा कर प्राकृति को नुकसान पहुंचाते हैं. ताकि वह अपने एक भव्य घर का निर्माण कर सकें लेकिन आज हम आपको अपने इस पोस्ट के जरिए एक ऐसी फैमिली से मिलवाने जा रहे हैं. जिन्होंने अपनी जमीन के बीचो-बीच लगे पेड़ को काटने के बजाय उस पेड़ को घर के अंदर लेकर ही अपने घर का निर्माण कर लिया और वह भी इस पेड़ को बिना कोई हानि पहुंचा है यहां पर आज भी अच्छा खड़ा है और बढ़ रहा है और घर भी मजबूती से अपनी जगह पर खड़ा है.
जानकारी के लिए बता दें यह परिवार मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहता है. अगर आप जबलपुर में जाकर किसी से भी पूछेंगे कि पेड़ वाला घर कहां है. तो लोग आप को बड़ी ही आसानी से इस घर का पता बता सकते हैं. क्योंकि यहां पर यह घर बहुत ज्यादा ही प्रसिद्ध है. यहां पर मजेदार बात तो यह है कि इस घर की प्रसिद्धि केवल अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है. एक इंटरव्यू के दौरान केशरवानी दंपत्ति ने अपने इस पेड़ वाले घर के बारे में विस्तार से बताया था चलिए जानते हैं.
योगेश केशरवानी और उनकी पत्नी नीलू का कहना है कि इस घर का निर्माण उनके स्वर्गीय पिता मोतीलाल केशरवानी ने किया था.और उन्होंने ने बताया था कि यहां पर उनके दादाजी के जमाने से यहां पर खड़ा है और इसकी उम्र शायद डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा है. इस घर का निर्माण करने की योगेश के पिता ने साल 1990 में सोची थी. लेकिन यह पेड़ उनकी जमीन के बीचो-बीच खड़ा था जिसके बाद लोगों ने उन्हें सलाह देनी शुरू कर दी कि इस पेड़ को कटवा कर यहां पर अपना एक खूबसूरत सा बंगला बनवा लें. वही मोतीलाल ने इन लोगों की बात पर ध्यान न देते हुए अपने एक दोस्त सिविल इंजीनियर से इस बारे में बात की. उनके इस दिस दोस्त का नाम केपी सोनी था और उनके है दोस्त भी आज इस दुनिया को अलविदा कह कर जा चुके है. लेकिन मोतीलाल के कहने पर केपी सोनी जो कमाल करके गए हैं वह कभी भी किसी को उन्हें भूलने नहीं देगा. आगे योगेश का कहना है कि पिताजी चाहते थे कि घर भी मजबूत बन जाए और पेड़ को भी कोई नुकसान ना हो फिर इसकी जिम्मेदारी उनके दोस्त केपी सोनी ने ली थी.
इसका घर का डिजाइन इस प्रकार है कि यह पेड़ की कोई ना कोई कहानी घर के हर कमरे से बाहर निकलती है. और यहां एक चार मंजिला मकान है. योगेश का कहना है कि इस घर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि यदि पेड़ का विकास भी हो तो घर को कोई नुकसान न पहुंचे. इस बात की जानकारी तो सभी लोगों को होती है कि पीपल का पेड़ कितना ज्यादा फैलता है. इस घर की हर दीवार में ऐसी छेद किए गए हैं, जिससे पेड़ की कहानियां बाहर निकल सके लेकिन इस बात को करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि अगर पेड़ का आकार बड़े या फिर मोटाई बड़े तो इसे ना पेड़ को और न घर को कोई नुकसान हो. योगेश का कहना है कि बहुत सारी जगह से लोग उनका घर देखने के लिए उनके घर आते हैं. और उनके परिवार के सभी सदस्य खुले दिल से मेहमानों का स्वागत करते है. योगेश का कहना है कि हिंदू पुराणों में लिखा है, ‘पीपल के पेड़ में ब्रह्मा जी का वास होता है इस घर के कारण आज हमारा परिवार काफी ज्यादा खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा है.’