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जोधपुर का अनोखा गौभक्त परिवार जो गाय-बछड़ों के साथ रहते हैं घर के अंदर, मानते हैं परिवार का सदस्य

प्यार बहुत खूबसूरत एहसास होता है, चाहे वह मनुष्य के प्रति हो या फिर किसी पशुओं के प्रति। अक्सर देखा गया है कि लोग अपने घरों में पशुओं को पालते हैं और उन पशुओं के प्रति भी काफी ज्यादा प्रेम भाव रखा जाता है। आपने अक्सर लोगों के घरों में कुत्ते-बिल्लियों को घर के सदस्य के तौर पर रहते हुए देखा होगा, जहां पर वह पलंग पर साथ सोते हैं, साथ उठते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ गाय-बछड़े से परिवार के सदस्यों जैसा ही बर्ताव का किया जाता है। उन्हें परिवार के सदस्य जैसा ही समझा जाता है।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। धर्म-कर्म, पूजा-पाठ हो या देश की राजनीति, हर काम में गाय को बड़ी महत्वता दी जाती है लेकिन आज हम आपको राजस्थान के ऐसे परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जिनके लिए उनके गायें कोई पशु नहीं बल्कि घर की सदस्य हैं। यहां गायों को किसी गौशाला में नहीं बल्कि घर के बेडरूम में रखा जाता है। उनके सोने के लिए बकायदा गद्दे वाला डबल बेड का इंतजाम भी किया गया है। तो चलिए इस अनोखे परिवार से आपको मिलवाते हैं।

दरअसल, आज हम आपको जिस परिवार के बारे में बता रहे हैं यह राजस्थान के शहर जोधपुर का है। इस परिवार में गायों का पूरा परिवार रखा हुआ है और वह उसे परिवार के सदस्य की तरह ही मानते हैं। घर के अंदर गायों को खुला छोड़ रखा है। घर में जिस प्रकार दूसरे सदस्य घूमते हैं, वैसे ही गायें घूमती हैं। इतना ही नहीं बल्कि बेडरूम में गायों के सोने के लिए बेडरूम में ही बिस्तर का इंतजाम किया गया है।

जोधपुर के गौभक्त परिवार का घर जोधपुर के पाल रोड पर एम्स अस्पताल के पास है। यह किस्सा संजू कवर के परिवार का है। गायों को अपने घर में रखने वाली बात जोधपुर में काफी ज्यादा चर्चित है। इस घर में गायों को कहीं भी आने जाने की पूरी आजादी दी गई है। सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम के पेज से इसकी जानकारी प्राप्त हुई है। “काऊजबीलाइकज” पेज पर यह परिवार अक्सर गाय गोपी, बछड़ी गंगा और बछड़ा प्रथू नाम के अपने गौवंशो की तस्वीरें और वीडियो अपलोड करते रहते हैं। अनंत सिंह ने बातचीत के दौरान यह बताया कि मेरी मां संजू कवर को गौमाता के प्रति शुरू से प्रेम है।

अनंत सिंह ने बताया कि हमारे परिवार को गौ पालन करते हुए कई साल हो चुके हैं। यह भी बताया कि 4 साल पहले जब हमारे घर में गाय ने बछड़े को जन्म दिया था। उस बच्चे को घर के अंदर लेकर आ गए थे। उसके बाद उन्होंने सोच लिया कि इसको घर के अंदर ही रखेंगे। अनंत सिंह ने यह बताया कि शुरू में थोड़ी तकलीफ हुई थी क्योंकि बेड पर ही वह मल मूत्र त्याग कर देते थे। उसके बाद हमने उसको ट्रेनिंग दी।

वहीं संजू कवर ने बताया कि गाय में 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं। कुछ लोग सिर्फ दूध के लिए गाय को पालते हैं। नंदी महाराज को घर से निकाल देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारा घर तो वैसे इतना बड़ा नहीं है, फिर भी हम सब मिलकर कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने गाय को खुद के लिए ही पाला है। उससे कोई भी डेरी का काम नहीं करते।

आपको बता दें कि अनंत सिंह के पिता प्रेम सिंह कच्छवाह सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि माता संजू कवर गृहणी हैं और गायों की पूरी देखरेख वही करती हैं। यहां तक कि परिवार अपनी गायों के लिए अपना घर बेचकर उनके लिए बड़ी जगह लेने का प्लान बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी घर छोटा है तो बछड़ी और बछड़ा आराम से रह रहे हैं लेकिन बड़े होने पर उनको परेशानी होगी।

 

 

 

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