इस बार ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की कालाष्टमी 2 जून 2021 दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान काल भैरव की विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू देवताओं में भैरव का बहुत महत्व माना गया है। भैरव का मतलब होता है भय को हर के जगत की रक्षा करने वाला। ऐसा माना जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों की शक्ति समाहित है। भगवान भैरव को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि अगर कालाष्टमी के दिन इनकी विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की जाए तो जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं। देशभर में काल भैरव के कई मंदिर मौजूद हैं और लोग कालाष्टमी के दिन भगवान के दर्शन करने के लिए जाते हैं। कई तीर्थ यात्राएं तो ऐसी हैं, जिनके बारे में ऐसा बताया जाता है कि जब तक आखिर में भगवान काल भैरव के दर्शन ना किए जाए तब तक यात्रा पूरी नहीं होती है।
ऐसा माना जाता है कि कालाष्टमी के दिन भगवान शिव जी के रूद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा करने और उपवास रखने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा अगर कालाष्टमी के दिन कुछ उपाय किए जाए तो इससे भैरव बाबा भक्तों से प्रसन्न होते हैं और जीवन की सारी परेशानियों को दूर कर उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं।
कालाष्टमी पर करें यह उपाय, कालभैरव होंगे प्रसन्न
- कालाष्टमी के दिन भगवान शिव जी के अंश काल भैरव की पूजा करना विशेष फलदाई माना जाता है। आप इस दिन सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के पश्चात नहा कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लीजिए। अगर संभव हो सके तो आप नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए आप कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा जरूर करें। आप इस दिन भैरव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ कीजिए।
- आप कालाष्टमी के दिन 21 बिल्वपत्रों पर ओम नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि बेलपत्र कहीं से भी कटे-फटे नहीं होने चाहिए। आप साफ-सुथरे और साबुत बेलपत्र ही शिवलिंग पर अर्पित करें।
- भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए आप कालाष्टमी के दिन से लगातार 40 दिनों तक काल भैरव के किसी भी मंदिर में जाकर उनके दर्शन करें।
- कालाष्टमी के दिन आप किसी भी काल भैरव मंदिर में जाकर गुलाब और अगरबत्ती जलाएं। ऐसी मान्यता है कि यह उपाय करने से जीवन के सारे दु:खों से छुटकारा मिलता है।
- अगर आप भगवान भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा के दौरान उड़द की दाल या इससे बनी हुई मिठाई जैसे इमरती, मीठे पुए या दूध-मेवा का भोग भगवान को लगाएं। आप भैरव को चमेली का फूल अर्पित करें, क्योंकि यह फूल उन्हें अति प्रिय है।
कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त
2 जून 2021 को कालाष्टमी का व्रत किया जाएगा
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ 2 जून रात 12:46 से
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अष्टमी समाप्त 3 जून रात्रि 01:12 पर