वीर सावरकर की काल कोठरी में पहुँच कर कंगना रानौत ने किया नमन, सिर झुका कर बोली- मैं अंदर तक हिल गई

कंगना रनौत ने अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर लाखों लोगों के दिल में जगह बनाई हुई कंगना रनौत जितने अपनी एक्टिंग के लिए जानी जाती है उतना ही अपने बेबाक बयानों के लिए भी जानी जाती है. कंगना रनौत किन्ही ना किन्ही कारणों से लाइमलाइट का हिस्सा बनी रहती है. लेकिन इन दिनों कंगना अपनी एक तस्वीर के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल, मंगलवार को कंगना रनौत ने अंडबार निकोबार का दौरा किया था और इसी दौरान वह सेलुलर जेल को देखने के लिए गई जहां पर वीर सावरकर द्वारा काले पानी की सजा काटी गई थी. यह बात यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि ‘क्वीन’ कंगना ने वीर सावरकर के फोटो के आगे अपना सर झुका कर नमन भी किया. इस मूवमेंट की तस्वीरें कंगना ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर शेयर की है जो अब खूब वायरल भी हो रही है.

कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम पर जो फोटोज शेयर की है उनमें से पहली तस्वीर में कंगना रनौत वीर सावरकर की स्मरणीय तस्वीर के सामने अपना सर झुका कर उनका सम्मान करती दिखाई दे रही है. दूसरी तस्वीर में वीर सावरकर की एक झलक(फोटो) दिखाई गई है जिसमें वीर सावरकर ने काले पानी की सजा को काटा था. और इस तस्वीर में यह भी दिखाई दे रहा है कि कंगना रनौत सर झुका कर वीर सावरकर की तस्वीर को निहार रही है. वहीं तीसरी तस्वीर में कंगना रनौत वीर सावरकर की फोटो के सामने माथा टेक के उनको नमन करते हुए दिखाई दे रही है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Kangana Thalaivii (@kanganaranaut)

इन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए कंगना रनौत ने कैप्शन में लिखा है कि, “आज मैंने अंडमान निकोबार में बनी उस जेल का दौरा किया है जिसमें वीर सावरकर को काल कोठरी में डाला गया था. मैं यह सोचकर अंदर तक हिल गई कि जब अमानवीयता अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई थी तभी वीर सावरकर जी के रूप में मानवता ने अपनी चरम सीमा ले ली थी. उन्होंने उन पर किए गए हर अत्याचारों का विरोध किया और दृढ़ संकल्प के साथ उनका सामना भी किया.”

इसके आगे कंगना ने पोस्ट लिखते हुए कहा कि, “वह अंग्रेज कितने डर गए होंगे जो उन्होंने डर के मारे वीर सावरकर जी को काल कोठरी में डाल दिया. समुंदर के बीच एक महाद्वीप पर बनी हुई इस काल कोठरी में वीर सावरकर जी को डालने के बाद भी उन्होंने उन्हें जंजीरों से जकड़ कर रखा था और साथ में एक मोटी दीवार वाली जेल बनाई ताकि वीर सावरकर जी वहां से कहीं बाहर न निकल सके. उस टाइम पर अंग्रेज वीर सावरकर जी से इतना डरते थे. वह लोग कितने कायर थे. मैंने वहां कालकोठरी में जाकर अपना सर झुका कर वीर सावरकर जी के प्रति कृतज्ञता और सम्मान जताया क्यूंकि एक सच्चे स्वतंत्रता सेनानी थे इनको मेरा शत-शत नमन है…जय हिंद!”

जानकारी के लिए बता दें 25 अक्टूबर को कंगना रनौत ने चौथी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर लिया है.‘मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी’ और ‘पंगा’ जैसी शानदार परफॉर्मेंस देकर कंगना रनौत ने यह बड़ा सम्मान अपने नाम किया है. उनकी दोनों ही फिल्मों को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया है साथ ही इससे उनकी फैन फॉलोविंग में भारी इजाफा हुआ है.