इस वैज्ञानिक ने की अनोखी मशीन तैयार, 40 सेकंड में छील देती है पूरा नारियल, अब मिलेगा 25 लाख रु. का अनुदान
केरल के त्रिशूर में कंजनी गाँव के रहने वाले के.सी. सिजोय ने 10 सालों के शोध और मेहनत के बाद, नारियल छीलने वाली एक खास मशीन बना दी है. यह मशीन सिर्फ 40 सेकेंड में एक नारियल को छील देती है, इसके हल्के कठोर छिल्कों को भी एक मिलीमीटर के आकार में काटती है, जिसे चारे के रूप में जानवरों को खिला सकते हैं.
ऐसे किया था आविष्कार
दरअसल उन्होंने मशीन में एक 500 वाट की मोटर लगाई है. इसके एक सिरे पर एक लीवर लगाया है, जो नारियल को पकड़ता और छोड़ता है दूसरे सिरे पर नारियल को घुमाने के लिए, एक घूमने वाला यंत्र है। साथ ही, नारियल के नीचे एक तेज धार वाला चाकू लगाया है, जो ‘घिरनी प्रणाली’ से काम करता है और बाएं से दाएं चलता है. इसके साथ ही, एक और लीवर लगाया गया है जो दो और तेज धार वाले चाकुओं को, नारियल को दोनों तरफ से छीलने के लिए ऊपर-नीचे चलाता है.
वहीं मशीन में 100 मिलीमीटर की ब्लेड लगी है, जो नारियल की बाहरी परत को सिर्फ 40 सेकेंड में छीलती है. छिले हुए नारियल को मशीन से जुड़े एक कटिंग बोर्ड पर लगाते है, जहाँ इसके सिरे और तले को काटा जाता है. “इस पूरी प्रक्रिया में नारियल के अंदर की मलाई और पानी को किसी तरह का नुकसान नहीं होता. ग्राहकों को अब बस इसे एक तरफ से तेज धार वाले चाकू से खोलना होगा तथा इसके अंदर से पानी और मलाई को निकालना होगा. दरअसल वह कहते हैं, “यह मशीन अच्छे से काम कर रही थी. मैं एक घंटे में 40 से 50 नारियल आसानी से छीलता था लेकिन, कुछ महीने बाद मैंने यह बंद कर दिया, ताकि मैं इस मशीन से ज्यादा कमाई कर, इसे बाजार के लिए तैयार कर लूं.”
अभी तकनीक पर कर रहें हैं काम
वहीं सिजोय ने मशीन में अब 750 वाट की मोटर लगा दी ताकि इससे एक घंटे में 60 से 80 नारियल छील सके वह कहते हैं, “बाजार में अभी व्यावसायिक मॉडल नहीं है लेकिन जब मैं सभी बदलाव कर लूंगा तो, मैं मशीन के काम को देखूंगा, अगर कोई परेशानी हुई तो इसे ठीक करके, एक आखिरी मॉडल तैयार करूँगा, जिसे देशभर में बेच सके.” दरअसल उनके बिजनेस को केरल कृषि विश्वविद्यालय के ‘एग्री-प्रेन्योरशिप ओरिएंटेशन प्रोग्राम’ के अंतर्गत इन्क्यूबेशन (उद्भवन) की मदद मिली है और फरवरी 2021 की शुरुआत में, उनके स्टार्टअप को टॉप तीन स्टार्टअप में चुना लिया है उन्हें केंद्र सरकार से अपने आविष्कार पर और काम करने के लिए 25 लाख रूपये का अनुदान मिला है. वहीं केरल कृषि विश्वविद्यालय में कृषि अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) विभाग के रफ्तार एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर के प्रमुख केपी सुधीर कहते हैं,”बाजार में नारियल छीलने के और भी कई यंत्र हैं लेकिन, सिजोय की मशीन हाई-टेक है और यह नारियल की कठोर खोल को भी छील देती है.”