घर लेकर नहीं आना चाहिए “मेहंदीपुर बालाजी मंदिर” का प्रसाद, जानिए मंदिर से जुड़ी रहस्यमई बातें
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हमारा देश भारत धार्मिक देशों में से एक माना जाता है। भारत में ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जो अपने किसी ना किसी विशेषता और अपने चमत्कार के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। कई मंदिर ऐसे हैं, जो रहस्य से भरे हुए हैं। सभी मंदिरों के पीछे कुछ ना कुछ रोचक कहानी जरूर छुपी हुई है। अगर हम भारत में भगवान राम जी के सबसे बड़े भक्त बजरंगबली के प्रसिद्ध मंदिरों की बात करें तो दुनिया भर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं।
श्री राम भक्त हनुमान जी को अनेक नामों से उनके भक्त पुकारते हैं। भगवान हनुमान जी को लोग संकट मोचन कह कर भी पुकारते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। बजरंगबली के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भी शामिल है। यह मंदिर राजस्थान के दौसा की दो पहाड़ियों के बीच स्थित है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में साल भर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। दूर-दराज से भक्त इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां पर व्यक्ति निराश आता है और खुश होकर जाता है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में महाबली हनुमान जी जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान है और उनके ठीक सामने भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित है।
ऐसा बताया जाता है कि यहां पर आने वाले भक्तों के लिए एक खास नियम है, जिसके अनुसार दर्शन से कम से कम एक हफ्ते पहले ही भक्तों को प्याज, लहसुन, नॉनवेज, शराब आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के बाद ऊपरी बाधाओं से लोगों को छुटकारा मिल जाता है।
यहां देशभर से लोग भूत-प्रेत की बाधा से छुटकारा पाने के लिए बालाजी महाराज के चरणों में आते हैं। मेहंदीपुर बालाजी में प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा यानी कोतवाल कप्तान की प्रतिमा भी मौजूद है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर रोजाना दो बजे पेशी यानी जिन लोगों पर ऊपरी साया है, उसे दूर करने के लिए कीर्तन होता है। यहीं पर लोगों के ऊपरी साये दूर किए जाते हैं।
हनुमान जी के इस मंदिर में दर्शन करने के बाद व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर जाता है। मेहंदीपुर बालाजी का एक और नियम है। ऐसा माना जाता है कि यहां के प्रसाद को घर नहीं लाया जा सकता है। आइए जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़ी रहस्यमई बातों के बारे में…
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़ी रहस्यमई बातें
1. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां के प्रसाद को नहीं खाना चाहिए। इतना ही नहीं यहां के प्रसाद को घर लाने से भी मना किया जाता है और ना ही यहां का प्रसाद किसी को दिया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां से किसी चीज को घर लेकर जाता है, तो इसकी वजह से उसके ऊपर बुरी साया का प्रभाव आ जाता है।
2. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में महाबली हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं और ठीक उनके सामने भगवान राम और सीता की प्रतिमा स्थापित है, जिसके हनुमान जी हमेशा दर्शन करते रहते हैं।
3. मेहंदीपुर बालाजी की एक सबसे खास बात यह भी है कि बालाजी की छाती के बीच में एक छेद है. जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है। इसे बालाजी का पसीना कहे जाने की मान्यता है।
4. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रेतराज और भैरव बाबा की मूर्ति है। ऐसा कहा जाता है कि भूत प्रेत की बाधाओं और नकारात्मक बुराइयों से बचने के लिए प्रेतराज सरकार के दरबार में रोजाना दो बजे कीर्तन होता है। यहां पर जाकर सभी प्रकार की नकारात्मक बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
5. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आने वाले भक्तों के लिए एक खास नियम है, जिसके अनुसार, दर्शन करने से कम से कम एक हफ्ते पहले ही अंडा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद कर देना चाहिए।