अमरनाथ गुफा में ही शिव जी ने सुनाई थी मां पार्वती को अमर कथा, जानिए अमरनाथ यात्रा से जुड़े ऐसे रहस्य

हिंदुओं के प्रमुख देवता भगवान शिव जी हैं। भगवान शिव जी के मंदिर भारत के लगभग हर क्षेत्र की गली-गली में देखे जा सकते हैं। वहीं कुछ बहुत से प्राचीन तीर्थ स्थल भी मौजूद हैं। भगवान शिव जी के इन तीर्थ स्थलों में कई रहस्य छुपे हुए हैं, जिसके बारे में आज तक लोगों को नहीं मालूम है। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ गुफा भी है, जहां पर आस्था में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति जाने का एक इच्छुक रहता है।

अमरनाथ गुफा भगवान शिव जी की सबसे खास जगह में से एक माना जाता है। वहीं हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त अमरनाथ यात्रा पर निकलते हैं। आपको बता दें कि इस बार अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो चुकी है और बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहला जत्था रवाना हो चुका है।

अमरनाथ यात्रा को लेकर भक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। इस बार अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 2 साल के बाद हो रही है। देवों के देव महादेव इस दौरान भक्तों को बर्फ से बने शिवलिंग के रूप में दर्शन देते हैं। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाने की योजना बना चुके हैं, तो आज हम आपकोअमरनाथ से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

जानिए अमरनाथ यात्रा से जुड़े कुछ अनसुलझे रहस्य

1. अमरनाथ धाम एक ऐसा शिव धाम है, जिसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव जी अमरनाथ गुफा में साक्षात विराजमान हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अमरनाथ गुफा में बहुत से रहस्य छुपे हुए हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। अमरनाथ गुफा में ही भगवान शिव जी ने माता पार्वती को अमर रहने की कथा सुनाई थी।

2. भगवान शिव जी ने यहां स्थिति शेषनाग झील पर अपने गले के सांपों को उतार दिया था। वहीं अमरनाथ यात्रा से 96 किलोमीटर पर स्थित पहलगाम में महादेव ने रुककर विश्राम किया था। यहां उन्होंने अपने बैल नंदी को छोड़ दिया था।

3. भगवान शिव जी ने अपने पांचों तत्वों का त्याग अमरनाथ गुफा के रास्ते में पंचतरणी पर कर दिया था।

4. बता दें कि अमरनाथ गुफा पूरी तरह से कच्ची बर्फ से बनी हुई है लेकिन बाबा बर्फानी पक्की बर्फ के बने होते हैं। शिवलिंग पक्की बर्फ से किस तरह बनता है, यह रहस्य आज तक रहस्य बना हुआ है।

5. ऐसा माना जाता है कि अमरनाथ गुफा 5000 साल पुरानी है और तब से एकदम वैसी ही है। यहां पर शिवलिंग को स्वभूं के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस शिवलिंग का निर्माण खुद-ब-खुद हुआ है।

6. अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के पास से ही पानी बहता है। यह बात आज भी रहस्य बना हुआ है कि यह पानी आ कहां से रहा है। इसके साथ ही यात्रा पर तापमान इतना कम होने के बावजूद भी यह पानी जमता नहीं है, जिसका रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है।

7. पौराणिक कथा के मुताबिक जब भगवान शिव जी ने मां पार्वती को अमरता मंत्र सुनाया था, तो ऐसा माना जाता है कि उस दौरान कथा सुनते सुनते मां पार्वती को नींद आ गई थी। उस समय वहां पर भगवान शिव जी और मां पार्वती के अलावा कबूतर का जोड़ा भी बैठा हुआ था। यह कथा उन कबूतर के जोड़ों ने सुन ली थी, जिसकी वजह से वह अमर हो गए थे। आज भी अमरनाथ गुफा में यह कबूतर का जोड़ा दिखाई देता है

8. ऐसा कहा जाता है कि महादेव ने उन कबूतरों को वर दिया था कि वह सदैव उस स्थान पर शिव और पार्वती के प्रतीक के रूप में रहेंगे। अमरनाथ यात्रा के दौरान यह कबूतर अमरनाथ की गुफा में ही देखने को मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि अमरनाथ गुफा में अगर इन कबूतरों का जोड़ा दिख जाए तो श्रद्धालुओं की अमरनाथ यात्रा सफल हो जाती है और उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।