नंदी के कान में क्यों बोलते हैं अपनी मनोकामना? जानिए भगवान शिव के परम भक्त नंदी से जुड़े ये रहस्य

भगवान शिव जी एक ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। अगर कोई भक्त इन्हें अपनी सच्ची श्रद्धा से एक लोटा जल भी अर्पित कर दे, तो वह उतने में ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सारी परेशानियां दूर करते हैं। अक्सर शिव भक्त शिव मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन करते हैं।

आप लोगों ने अक्सर शिव मंदिरों में देखा होगा कि भगवान शिव जी के सामने बैठे उनके वाहन नंदी के कान में अपनी मनोकामना लोग कहते हैं। उन्हें विश्वास होता है कि नंदी के कान में कहीं गई उनकी बात भगवान शिवजी तक जरूर पहुंचती है और वह पूरी होती। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो सिर्फ भगवान शिवजी की पूजा करके ही घर चले जाते हैं।

लेकिन भगवान शिव के साथ नंदी की पूजा करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। भगवान शिव जी के सबसे प्रिय गणों में नंदी भी शामिल हैं। इन्हें कैलाश पर्वत का द्वारपाल भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नंदी महादेव को इतने प्रिय है कि उनकी प्रार्थना या उनकी इच्छा कभी भी अस्वीकार नहीं करते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भक्त नंदी से जुड़ी हुई कुछ दिलचस्प बातें और नियमों के बारे में बताने वाले हैं।

जानिए नंदी के कान में मनोकामना कहने का नियम

अगर आप भगवान शिव जी के परम भक्त नंदी के कान में मनोकामना कह रहे हैं, तो सबसे पहले आप उनकी पूजा कीजिए। आपको यह ध्यान रखना होगा कि मनोकामना हमेशा बाएं कान में बोलनी चाहिए। जब आप मनोकामना बोलते हैं, तो उस वक्त अपने हाथों से अपने होठों को ढक लें। इसके साथ ही नंदी के कानों में किसी के लिए बुरी बात या किसी का बुरा करने की बात नहीं बोलनी चाहिए। नंदी के सम्मुख अपनी मनोकामना बोलने के बाद आप उनके सामने फल, धन या फिर प्रसाद जैसी चीज भेंट कर सकते हैं।

आप भगवान शिव जी की पूजा के बाद आप नंदी जी के सामने दीपक जरूर जलाएं। इसके बाद नंदी महाराज की आरती कीजिए और किसी से बिना कुछ बोले नंदी के कानों में अपनी मनोकामना कहें।

जानिए नंदी के कान में क्यों बोलते हैं मनोकामना

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जी के मंदिर में नंदी के कानों में अपनी मनोकामना बोलने के बाद भी बाहर जाना चाहिए। ग्रंथों के मुताबिक, भगवान शिव जी हमेशा अपनी तपस्या में ही लीन रहते हैं और उनकी तपस्या में कोई भी विघ्न ना पड़े इसलिए नंदी रहते हैं। इसी वजह से जो भी भक्त भगवान शिव जी के दर्शन करने के लिए आता है वह नंदी के कानों में अपनी मनोकामना बोलता है उसके बाद ही वह घर जाता है।

आप अपनी जो भी मनोकामना नंदी के कानों में बोलते हैं तो वह भगवान शिवजी तक पहुंचती है। नंदी आपकी मनोकामना भगवान शिवजी तक पहुंचाते हैं। इसी वजह से शिवजी तक अपनी मनोकामना पहुंचाने के लिए नंदी के कानों में मनोकामना बोली जाती है।

शिवलिंग के बाद नंदी की पूजा जरूर करें

शास्त्रों के मुताबिक देखा जाए, तो भगवान शिव जी की पूजा करने के बाद नंदी जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। अगर आप सिर्फ शिवलिंग की पूजा करके ही घर चले जाते हैं, तो इससे आपको शिवलिंग की पूजा का पूरा पुण्य प्राप्त नहीं हो पाता है।