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पितृ दोष के कारण जिंदगी में आती हैं ऐसी समस्याएं, जानिए पितृदोष के लक्षण और उपाय

20 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो चुका है। पितृपक्ष का आरंभ आश्विन मास महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होता है जो आश्विन अमावस्या तिथि को समाप्त होता है। इस साल पितृपक्ष 20 सितंबर से 6 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान लोग अपने मृत पूर्वजों यानी पितरों के लिए अलग-अलग धार्मिक कार्य एवं उपाय करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है। हिंदू धर्म के अनुसार पितृपक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण जैसे कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

आपको बता दें कि पितृपक्ष के दौरान किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो कुछ उपाय को अपना कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। धर्म और ज्योतिष में पितृ दोष पर विस्तार से बताया गया है क्योंकि पितृ दोष की वजह से जीवन में ढेर सारी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। इसी वजह से पितृ दोष का जल्द से जल्द निवारण करने की सलाह दी जाती है। अगर पितृ दोष से छुटकारा पाना है तो उसके लिए सबसे अच्छा समय पितृपक्ष होता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुंडली में पितृ दोष होने पर जीवन में क्या लक्षण नजर आते हैं और उन्हें किन उपायों से दूर किया जा सकता है इसके बारे में बताने वाले हैं।

जानिए पितृ दोष के लक्षण

1. अगर किसी व्यक्ति के बनते बनते काम रुक जाते हैं तो यह पितृदोष के लक्षण माने जाते हैं।

2. अगर कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी तरक्की नहीं मिल रही है तो यह पितृ दोष के लक्षण हैं।

3. अगर मन हमेशा अशांत रहता है तो यह पितृ दोष के लक्षण होते हैं।

4. पितृ दोष होने की वजह से घर में बेवजह झगड़े होने लगते हैं। घर में उदासी या नकारात्मकता का माहौल बना रहता है।

5. अगर बार-बार गैर-जरूरी कामों में पैसा खर्च होता है तो यह पितृ दोष के लक्षण हैं।

6. अगर बिना किसी कारण के बच्चों के विवाह या करियर में मुश्किल उत्पन्न होती है तो यह पितृ दोष के लक्षण माने जाते हैं। इसके अलावा वंश वृद्धि रुक जाना भी पितृ दोष के लक्षण हैं।

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

1. अगर आप पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए पितृपक्ष के दौरान रोजाना दिन में पीपल और बरगद के पेड़ पर जल, फूल, अक्षत, काले तिल अर्पित कर पूजा कीजिए। इसके साथ ही पितरों से अपनी गलतियों की क्षमा मांगे।

2. पितृ पक्ष में अपने परिवार के सभी सदस्यों से कुछ सिक्के ले लीजिए और उसे मंदिर में दान कर दीजिए।

3. पितृ पक्ष के दौरान रोजाना कुत्ता, गाय, कौवा, चिड़िया और चींटी को रोटी दें।

4. पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन पितरों को पंचबली भोग लगाएं। पंचबली भोग का अर्थ है कि पितरों के लिए बनाए गए उनके प्रिय भोजन को देव, गाय, कौवा, कुत्ता और चींटी के लिए भोग के रूप में रखें।

5. श्राद्ध के दिनों में आप ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन करा कर उन्हें दान दक्षिणा दीजिए।

6. पितृपक्ष के दिनों में रोजाना सुबह-शाम घर में कपूर जलाना चाहिए। इसके साथ ही गुड़ और घी का धूप दें। ऐसा करने से पितृ दोष से राहत प्राप्त होती है।

 

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