56 वर्षीय ऑटो चालक की अचानक बदल गई किस्मत, रातोंरात बना 12 करोड़ का मालिक
कहते हैं कि भगवान जब किसी को देने पर उतारू होता है तो उसकी किस्मत में छप्पर फाड़ कर रख देता है. हमें ऐसे काफी किसे देखने हैं सुनने को मिलते हैं जहां रातों-रात किसी ना किसी व्यक्ति की किस्मत पलट जाती है और उसे अमीर से कंगाल या फिर कंगाल से अमीर बना देती है. कुछ ऐसा ही मामला हाल ही में भारत से सामने आया है जहां एक व्यक्ति ने रातों-रात फर्श से अर्श तक का सफर तय कर लिया है. दरअसल यह कोई और नहीं बल्कि केरला का एक मामूली ऑटो ड्राइवर है जिसकी किस्मत में ना तो रहा था पलटी मार ली जिसका अंदाजा उसने सपने में भी नहीं लगाया था. जानकारी के लिए बता दें कि यह पूरा मामला केरला के एर्नाकुलम जिले का है जहां पर रहने वाले एक 56 वर्षीय ऑटो चालक की किस्मत ने ऐसा रुख मोड़ कि वह एक झटके में करोड़पति बन गया. इस रिक्शा चालक को राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपये का थिरोवनम बंपर लॉटरी विजेता घोषित किया है. बता दें कि कोच्चि के मराठों के रहने वाले जयपाल अल्पीयर को लॉटरी विजेता घोषित करके प्रथम पुरस्कार दिया गया है जिसके बाद उनके सभी टैक्स व कमीशन काटने के बाद उन्हें 7.4 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि दी गई है.
इस रिक्शा चालक ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्होंने मीनाक्षी लक्की सेंटर से लॉटरी का टिकट खरीदा था जो कि केवल ₹300 का था. यह प्लान के अनुसार वह इससे पहले भी कई बार लॉटरी का टिकट खरीद चुके हैं और एक बार ₹5000 जीत चुके हैं. ऐसे में उन्हें बीते रविवार को अपने इस बार की विजेता होने की बात पता चली. जब राज्य सरकार के दो मंत्रियों की देखरेख में तिरुवंतपुरम में लकी ड्रॉ के दौरान टीवी स्क्रीन पर टिकट नंबर फ्लैश हुआ तो उन्होंने अपने बेटे को टिकट के बारे में बताया लेकिन इस मामले की भनक परिवार में किसी अन्य व्यक्ति को नहीं लगने दी.
जयपाल ने जब अगले सोमवार को जाकर अखबार में छपी खबर को क्रॉस चेक किया और सीधा बैंक अकाउंट जाकर टिकट जमा करा दिया. बैंक वालों ने बताया कि वह इतनी भारी-भरकम राशि जीत चुके हैं और अब वह पुरस्कार राशि का क्या करेंगे तो जयपाल ने बताया कि मेरा काफी कर्ज है जिसे मैं चुकाना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि अब वह इन पैसों से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं और बहनों की आर्थिक रूप से मदद भी करना चाहते हैं.
उनकी मां ने चैनल को बताया, ‘हम कर्ज में डूब रहे थे. अगर यह लॉटरी नहीं लगती तो मेरा बेटा उसका भुगतान नहीं कर पाता. मुझे लगता है कि भगवान ने मेरे आंसू देखे और हमारी मदद की.”वहीं, केरल के वायनाड जिले के दुबई के एक होटल में रसोइया सैयद अलावी ने दावा किया था कि वह भी लॉटरी का विजेता था. उसके दावे के बाद विजेता को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई. जयपालन ने कहा कि केरल में उनके दोस्त, जिन्होंने उनके लिए टिकट खरीदा था, जयपालन ने उन्हें विजयी टिकट की एक तस्वीर भेजी थी. लेकिन बाद में पता चला कि अलावी के दोस्त ने उसे गुमराह किया था. लॉटरी ड्रा के बाद टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने ऐसी जानकारी फैलाई जिससे राज्य की सबसे बड़ी लॉटरी के विजेता का पता चला.
लॉटरी में 12 करोड़ रुपये के जैकपॉट के अलावा, छह विजेताओं के लिए 1 करोड़ रुपये, 12 विजेताओं के लिए 10 लाख रुपये, 12 विजेताओं के लिए 5 लाख रुपये और 108 विजेताओं के लिए 1 लाख रुपये का पुरस्कार भी था. पुरस्कार राशि की गणना एजेंसी और टिकट विक्रेता के लिए करों और कमीशन की कटौती के बाद की जाती है.