अदालत में पेशी के लिए ठेले पर पहुंचे भगवान भोलेनाथ, पढ़िए आखिर क्या है यह पूरा मामला
जैसा कि हम सभी लोग यह बात अच्छी तरह से जानते हैं भगवान के प्रति आस्था मनुष्य सदियों से करते आ रहे हैं। भगवान ने ही इस सृष्टि की रचना की है और वही इस पृथ्वी के जीवन को चला रहे हैं। हिंदू धर्म में लोग भगवान राम, मां दुर्गा, श्री कृष्ण, भगवान शिव जी आदि भगवान को मानते हैं तथा उनकी पूजा करते हैं। हमेशा लोग भगवान की पूजा आराधना करके अपने जीवन की परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
लेकिन आप सभी लोगों ने कभी क्या ऐसा सुना है कि भगवान खुद कभी कोर्ट में पेश हुए हों? शायद आप सभी लोग हमारी यह बात सुनने के बाद काफी आश्चर्यचकित हो गए होंगे। आप यही कह रहे होंगे कि भला हम कैसी बातें कर रहे हैं? लेकिन आपको बता दें कि कुछ ऐसा ही एक अनोखा मामला सामने आया है।
जी हां, देवों के देव महादेव को सनातन धर्म में संसार का संहारक माना जाता है। रायगढ़ जिले के तहसील न्यायालय में कुछ ऐसा अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है, जिसके बारे में जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे। भगवान भोलेनाथ को पेशी के लिए ठेले पर बिठा कर ले जाया गया। तहसील न्यायालय में पेशी में शामिल नहीं होने पर ₹10000 का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।
भगवान भोलेनाथ को कुछ दिन पहले नजूल की भूमि पर मंदिर निर्माण होने के कारण नोटिस दिया गया था। जवाब में भगवान आज तहसील न्यायालय की पेशी पर पहुंचे। भगवान तय समय पर पहुंच गए लेकिन नोटिस देने वाले अधिकारी ही तहसील कार्यालय से नदारद रहे और अब भगवान को नई तारीख पर न्यायालय में पेश होना पड़ेगा। तो चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या है।
आपको बता दें कि कलेक्ट्रेट की कर्मचारी महिला ने नजूल भूमि पर अवैध कब्जा हटाने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जैसे ही हाई कोर्ट से आदेश मिला तो उसके बाद तहसील न्यायालय ने संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा में शिव मंदिर कऊहाकुंडा को भी नोटिस भेजा गया।
भगवान तो खुद कोर्ट में पेश नहीं हो सकते थे, तो भक्त शिवलिंग लेकर कोर्ट पहुंच गए। कऊहाकुंडा वार्ड पार्षद और मोहल्ला वासी ने शिवलिंग को रिक्शे पर रखा और नोटिस की कॉपी के साथ तहसील न्यायालय में भगवान भोलेनाथ को पेशी पर लेकर आए परंतु तहसीलदार जनसुनवाई में काफी व्यस्त होने की वजह से हाजिर नहीं हो सके।
अब वार्ड की पार्षद हाई कोर्ट में शिकायत करने वाली के खिलाफ पहुंच गई है। वार्ड पार्षद के द्वारा ऐसा कहा गया कि गरीब मजदूरों को मौके से हटाया जा रहा है और एक हिंदू होकर हिंदू धर्म का अपमान कर रही है। मोहल्ले के साथ-साथ भगवान को उखाड़ने का प्रयास कर रही है।
अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को की जाएगी, जो यह विवाद भगवान शिव जी का चल रहा है उस पर बहुत ही जल्द तहसील कार्यालय से संशोधित नोटिस जारी किया जाएगा।