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दुर्घटना में हाथ खोया, हौसला नहीं, एक हाथ से दो-दो नौकरियां करके घर चला रहें हैं पीतांबर

इस संसार में हर किसी मनुष्य का वक्त एक जैसा नहीं होता। हर मनुष्य के हालात समय के साथ-साथ बदलते रहते हैं। किसी इंसान का जीवन ठीक प्रकार से व्यतीत होता है तो किसी इंसान के जीवन में तरह-तरह की मुश्किलें उत्पन्न होने लगती है। अगर व्यक्ति जीवन में आने वाली मुश्किलों के आगे घुटने टेक देता है तो उसका जीवन बेहद कठिन हो जाता है परंतु जो व्यक्ति इन मुश्किलों का सामना कर लेता है, वह अपने जीवन में कामयाबी प्राप्त करता है। आज हम आपको पीतांबर के जीवन की कहानी के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिसने अपनी जिंदगी में बहुत सी परेशानियां देखीं परंतु हर परेशानी को हराकर पितांबर ने अपनी मेहनत से अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। आपको बता दें कि पितांबर का एक हाथ एक हादसे में कट गया था। यह एक ट्रक ड्राइवर हुआ करते थे। दुर्घटना में हाथ खो देने के कारण इनके जीवन में बहुत सी परेशानियां आईं परंतु उन्होंने हर परेशानी को मात दी है।

जब पितांबर का हादसे में एक हाथ कट गया तो इनके सामने बहुत सी मुश्किलें उत्पन्न होने लगी। एक हाथ से यह ट्रक नहीं चला सकते थे जिसकी वजह से यह बेरोजगार हो गए थे। इनके पास कमाई का कोई भी जरिया नहीं था। भले ही एक्सीडेंट में पीतांबर ने अपना हाथ खोया परंतु इन्होंने अपना हौसला नहीं खोया। मुश्किल घड़ी में इन्होंने अपनी परेशानी खत्म करने का तरीका निकाला और एक नया काम शुरू करने का फैसला किया। आज पितांबर अपनी मेहनत से पैसा कमा रहे हैं। पीतांबर ने कृष्णा फास्ट फूड सेंटर नामक एक दुकान शुरू की है, जो बल्लभगढ़ में है। पितांबर फास्ट फूड बनाकर लोगों में बेचते हैं।

पीताम्बर के जैसे हालात थे वैसी स्थिति में अच्छे से अच्छा इंसान अपनी हिम्मत खो बैठता है। शरीर का एक अंग कट जाने की वजह से पितांबर बहुत हताश हुए परंतु इन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी। एक हाथ से ही यह सारा काम करते हैं। पीताम्बर का ऐसा कहना है कि वह सुबह के समय एक बिरियानी शॉप पर कार्य करते हैं। बिरियानी शॉप से काम करने के बाद यह सड़क के किनारे फास्ट फूड का ठेला लगाते हैं। पितांबर ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में बताते हुए कहा कि उनका एक्सीडेंट वर्ष 2010 में हो गया था। इस दुर्घटना में उन्होंने अपना एक हाथ छोड़ दिया। एक हाथ से ट्रक चलाना नामुमकिन था, जिसके कारण यह बेरोजगार हो गए थे लेकिन उन्होंने अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी और आज यह खुद का काम करते हैं। बिरियानी शॉप में काम करने के साथ-साथ यह अपना खुद का फास्ट फूड का ठेला लगा रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान पितांबर को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा था। उनका काम भी लगभग पूरी तरह से बंद हो गया था परंतु जैसे ही लॉक डाउन खुला सब कुछ पहले की तरह हो गया। पितांबर ने बताया कि वह अपने काम से अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद इनको उम्मीद है कि उनका ठेला फिर से सही प्रकार से चलने लगेगा। सोशल मीडिया पर पितांबर के जीवन की यह कहानी काफी तेजी से वायरल हो रही है।

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