हम बचपन से ही जंगल बुक के बारे सुनते आएं हैं. और अब भी इसके बारे सुनते रहते हैं. हम सभी ने इस के प्रसिद्ध रोल मोगली के बारे में तो खूब पढ़ा भी है, और स्क्रीन पर देखा भी है. परंतु आज हम आपको एक ऐसे ही असली मोगली के बारे में बताने जा रहे हैं जो ईस्ट अफ्रीका में रहता है. दरअसल ईस्ट अफ्रीका के रवांडा में एक बिल्कुल ही असली का मोगली रहता है. यहाँ आपको बता दें कि प्रतिदिन यह व्यक्ति 20 मील की दूरी को तय कर लेता है, क्योंकि वह खुद को सुरक्षित रखना चाहता है और इसलिए ऐसा करता रहता है.
यह Microcephaly नामक डिसऑर्डर से है ग्रस्त
बता दें कि यह ईस्ट अफ्रीका का मोगली है, जो कि 21 साल का है उसका असली नाम एली है दरअसल एली को microcephaly माइक्रोसीफले नामक एक डिसऑर्डर की समस्या हो रखी है. अगर इस डिसऑर्डर की बात की जाए तो इसमें मानव का सिर दूसरे लोगों की तुलना में, या कहे आम लोगों की तुलना में छोटा या बड़ा होता है. इसी लिए एली सामान्य लोगों की तरह नहीं रहता है बल्कि जंगल में ही रहता है. बस यही कारण है कि लोग उससे असल जिंदगी का मोगली कह कर पुकारने लगे है.
इस मोगली की चर्चा ‘द सन’ ने भी की है
वहीं बता दें कि द सन ने एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें यह बताया गया था कि एली ने जंगल में रह कर वहां के कई तौर-तरीकों को सीख लिया है, और अपना लिया है. अब वह बहुत ही आसानी से 20 से 30 किलोमीटर की दूरी आराम से तय करता है. बहुत सारी चीजे है, या यूँ कहें बहुत से कारनामे हैं जो उसने जंगल में रह कर सीख लिए हैं. जैसे वह छलांग लगा कर पेड़ों पर चढ़ जाता है. इधल उधर उछलता रहता है.
अपनी मां के लिए है बेहद खास
आपको जानकारी के लिए बता दें एली की मां ने उसके पैदा होने से पहले ही अपने पांच बच्चों को खो दिया था. इसलिए एली उनके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण और खास है. हालाँकि एली की मां को कभी -कभी दुख भी होती है कि उनका बच्चा सामान्य बच्चों की तरह बाहर नहीं जा पाता है, या स्कूल में पढ़ने नहीं जा सकता है. वह खुद बताती है कि लोग उसे बाहर जाने पर परेशान करने लगते हैं, और उसका मजाक बनाने लगते हैं. गौरतलब है कि जब वह स्कूल पढ़ने जाता था तो बच्चे उसे चिढ़ा चिढ़ा कर कर परेशान कर देते थे जिसके कारण से उसने स्कूल जाना बंद कर दिया था, और वह इसी कारण जंगल में रहने को मजबूर हो गया था. एली को नजदीक से जानने के बाद बहुत सारे लोग उसकी मदद के लिए आगे आए हुए है.
फंड चैनल के जरिए मिलता है
हालाँकि वहीं एली की मां ने एक इंटरव्यू वाले चैनल को चलाना शुरु कर दिया है, जो अफ्रीमैक्स टीवी द्वारा एक क्राउड फंडिंग का माध्यम है. इसी चैनल के माध्यम से उनके परिवार की मदद करने के लिए मुहिम चलाई जाती रहती है. इस पेज का नाम रखा गया है GO FUND ME I गो फंड मी आई. यह एक बहुत ही अच्छी पहल थी. वहीं काफी लोग एली की मदद करने के लिए और उसे फंड देने के लिए इस पेज से जुड़ चुके हैं और लोगों ने उम्मीद से अधिक सहायता अब तक कर दी है.
फंड में आए अब तक 3,958 डॉलर रुपये
और किसी ने सही कहा है कि मानवता कभी नहीं मरती जब जरूरत हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो भगवान भी आपकी सहायता करने लगते है. अगर अभी तक की बात करें तो अली को 3,958 डॉलर का फंड प्राप्त हो चुका है. इससे उम्मीद है कि एली का जीवन में अब सुधार हो जाएगा.