मिलिए यूपी के इस परिवार से, इनकी दो बेटियां हैं IAS, दो IRS और एक है IPSअफ़सर
दुनिया में हर वो चीजों मुमकिन है जो ठान लिया जाए. इस कहावत को पूरा किया है उत्तर प्रदेश के एक गांव की 5 बेटियों ने. दरअसल बरेली जिले के फरीदपुर तहसील में एक ऐसा परिवार जिसमें पांच बेटियों में दो बेटी आईएएस, एक बेटी आईआरएस और दो बेटी ग्राफिक इंजीनियर है. आइए जाने उनकी कहानी के बारे में.
बता दे इस गांव के मुखिया चंद्रसेन सागर और उनकी पत्नी मीना देवी ने साल 1981 में उनकी पहली बेटी को जन्म दिया और बेटे की चाह में और 4 बेटियां ही हुई. उस समय इस परिवार को ताने दिए जाते थे कि बेटियों को इतना ना पढ़ाए और शादी कर दे, यह कौन सा आईएएस बन जाएंगी. लोगो के ताने आज परिवार के लिए आशीर्वाद बन चुके है.
दरअसल बेटियों ने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की और समाज के लिए मिसाल बन गई. पांचो बेटियो के साथ उनके दामाद भी बेहद सफल है. इनके घर में दामाद को मिलाकर परिवार में दो आईएएस, दो आईआरएस और एक आईपीएस ऑफिसर है.
सबसे बड़ी बेटी अर्जित सागर ने साल 2009 में अपने दूसरे प्रयास में 628 रैंक यूपीएससी में प्राप्त किए. फिलहाल अर्जित ज्वाइंट कमिश्नर कस्टम मुंबई में पोस्टेड हैं. उन्होंने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के सुरेश मेरुगु से शादी की है और सुरेश भी एक आईआरएस ऑफीसर है.
दूसरी बेटी अर्पित ने 2015 में अपने दूसरे प्रयास में सफलता पाई एक आईएएस अधिकारी बनी. गुजरात कैडर की आईएएस अर्पित बलसाड में डीडीओ के पद पर तैनात हैं. उन्होंने भिलाई छत्तीसगढ़ के एक बैंक कर्मी विपुल तिवारी से शादी की है. तीसरी बेटी अंशिका और छोटी बेटी अंकिता सागर फिलहाल प्राइवेट जों कर रही है. वे दोनो ग्राफिक इंजीनियर है. उनकी चौथी बेटी अंकिता ने बदायु यूपी के एक ग्राफिक इंजीनियर गौरव असोलिया से शादी की है. वही उनकी तीसरी बेटी अंशिका अभी शादीशुदा नहीं है. उनका बेटा अमिश सागर एक फ़िल्म डायरेक्टर है. जो फ़िल्म मलंग में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम भी कर चुके हैं.
पांचवी और सबसे छोटी बेटी आकृति सागर ने साल 2016 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर लिया था. आकृति दिल्ली जल बोर्ड के डायरेक्टर है. आकृति ने एक आईपीएस ऑफिसर सुधांशु धामा से शादी की है जो यूपी बागपत के रहने वाले हैं और अभी दिल्ली में ही पोस्टेड हैं.
वहीं चंद्रसेन सागर ने बच्चो की पढ़ाई के लिए दिल्ली में फ्लैट खरीदा था और एग्जाम से पहले उनकी मां बेटियों के साथ रहने चली जाती थी ताकि उन्हें कोई दिक्कत ना हो. उनके घर में बेटियों के मामा आईएएस अधिकारी थे और उन्ही से उन्होंने प्रेरणा ली थी और आज सबके लिए मिसाल बन चुकी है.