केवल 23 साल की उम्र में ये महिला बन चुकी है 11 बच्चों की मम्मी, 100 बच्चों का पूरा करेंगी टारगेट
कुछ लोगों को बच्चों से बेहद प्यार रहता है. बच्चों की क्यूटनेस और उनके साथ खेलना भी बेहद अच्छा लगता है. दरअसल रूस में रहने वाली एक महिला जो कि 23 साल की क्रिस्टिना ओज्टर्क हैं इन्हें बच्चों से कुछ ज्यादा ही लगाव और प्यार है और यही वजह है कि वे यंग उम्र में ही 11 बच्चों का पालन पोषण कर रही हैं. वहीं उनका बच्चों को लेकर ये प्यार यही तक ही खत्म नहीं हो रहा है और वे भविष्य में भी कई बच्चों की मां बनना चाह रही हैं. उन्हें बच्चों से खूब प्यार है. सोशल मीडिया पर बच्चों के साथ उनकी कई सारी फोटोज भी वायरल हो रही है.
आपको बता दें कि न्यूजफ्लैश मीडिया के साथ बातचीत में क्रिस्टिना ने बताया है कि मैंने छह साल पहले एक लड़की को जन्म दिया था. उसके बाद से मैंने इन बच्चों को जन्म नहीं दिया है और हमने सरोगेसी तकनीक की मदद से बाकी बच्चों को पैदा किया हुआ है. ये सभी बच्चे हमारे जेनेटिक्स से ही पैदा हुए हैं. हम हालांकि कई बच्चों को पैदा करना चाह रहे हैं. बच्चों के प्रति इनका लगाव काफी ज्यादा है.
दरअसल इस अपर क्लास कपल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया था कि वे 105 बच्चे पैदा करना चाहते हैं जिसके बाद उनका ये पोस्ट वायरल होने लग गया था वहीं क्रिस्टिना ने इस बारे में बात करते हुए बताया था कि हम संख्या को लेकर पूरी तरह से स्योर नहीं हुए हैं लेकिन इतना जरूर जानते है कि हम 11 पर रूकना नहीं चाहते है. हम फाइनल नंबर पर फैसला नहीं कर पा रहे हैं. मुझे ऐसा लग रहा है कि हर चीज का एक समय जरूर रहता है और हमें उसके हिसाब से ही चीजें सोचनी व करनी चाहिए तभी सब कुछ अच्छे से हो पाता है.
जानकारी के लिए बता दें कि ये परिवार जॉर्जिया के बातुमी शहर में रह रहा है. इस शहर में सरोगेसी से बच्चे पैदा करना गैर-कानूनी नहीं है और सरोगेट महिलाओं को प्रेग्नेंसी के लिए इस्तेमाल करने पर कोई मनाही नहीं है. हालांकि सरोगेसी के सहारे बच्चे पैदा करने की पूरी प्रक्रिया की कीमत लगभग 8 हजार यूरो यानी 7 लाख रूपए बताई जाती है. अगर ये फैमिली 100 बच्चे पैदा करना चाहती है तो सरोगेसी के सहारे उनके 70 करोड़ रूपए तक का खर्चा आ सकता है.
हालाँकि क्रिस्टिना ने बताया है कि बातुमी में जिस क्लीनिक में हम सरोगेसी के लिए जा रहे हैं वे ही हमारे लिए सरोगेट महिलाओं का सिलेक्शन कर लेते हैं और इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी उनकी ही रहती है. दरअसल हम पर्सनल तौर पर इन सरोगेट महिलाओं के संपर्क में नहीं रहते हैं और ना ही हमारा उनके साथ कोई डायरेक्ट कॉन्टेक्ट रहता है. इसकी जिम्मेदारी क्लीनिक की ही रहती है. इस तरह वो बच्चों के प्रति अपने लगाव को दिखा करता सोशल मीडिया पर खूब सुर्खिया बटोर रही है.