जिस स्टेशन पर कुली बन कर किया था काम, आज उसी के WiFi से पढ़ कर बन गए अफ़सर, जानिए कौन है ये
कहते हैं जब इंसान दिल से कुछ कर दिखाने की ठान लेता है तो फिर भगवान भी उसके रस्ते के रोड़े हटाने में भरपूर मदद करते हैं. आज के इस स्पेशल पोस्ट में हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति से रूबरू करवा रहे हैं जिसने अपने सपनों को पूरा कर दिखाया है. दरअसल, मेहनत एक ऐसी चीज़ है जो आपकों काबिल बनाने का हुनर रखती है. यदि आप किसी काम को पूरा करने की सोच मन में धार लेंगे तो तमाम मुश्किलें भी आपका रास्ता नहीं रोक पाएंगी. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है एक मामूली कुली ने भी. जी हाँ, रेलवे स्टेशन पर आपने रोजाना ना जाने कितने ही कुली सामान ढोते हुए देखे होंगे. लेकिन क्या आपने कभी किसी कुली को अफ़सर बनते हुए देखा है? अगर नहीं तो यह पोस्ट आपकी प्रेरणा का स्रोत है.
कौन है यह कुली?
आज हम जिस कुली के बारे में बता रहे हैं वह असल में केरल के रहने वाले श्रीनाथ जी हैं. श्रीनाथ बचपन से ही एक गरीब घराने से ताल्लुक रखते आए हैं. लेकिन इनकी किस्मत आज ऐसे मोड़ लेगी, यह खुद उन्होंने भी शायद नहीं सोचा होगा. गरीबी के कारण श्रीनाथ केवल 10 कक्षाएं ही पढ़ पाए थे लेकिन फिर भी उनके अंदर कुछ कर दिखाने की लगन रही थी. मूल रूप से श्रीनाथ मन्नार के रहने वाले हैं यही एर्नाकुलम के पास एक रेलवे स्टेशन में उन्होंने कुली बन कर शुरुआत की थी और आज अपने सपनों को पूरा कर दिखाया है.
डिजिटल सुविधाओं ने की काफी मदद
प्रधानमंत्री द्वारा वाई-फाई सुविधाएं आज देश भर के रेलवे स्टेशनो में मोहैया करवाई जा रही हैं. वहीँ इस सुविधा को हर स्टेट में फ्री ऑफ़ कास्ट भी रखा गया है. श्रीनाथ के अनुसार यह सेवा उनके लिए भगवान का वरदान साबित हुई है. वह कुली बनने के दौरान वाई-फाई की मदद से खाली टाइम में पढ़ते रहते थे और ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए आवदेन भी करते रहते थे. ऐसे में उनकी किताबों का खर्चा भी इस वाई-फाई ने बचा लिया था. श्रीनाथ बताते हैं कि उन्होंने रेलवे डिपार्टमेंट की कईं भर्तियों के लिए आवदेन किया था.
ऐसे तय किया था गोल
श्रीनाथ को हमेशा से ही पढ़ने-लिखने का शौंक रहा है. जब रेलवे स्टेशन पर सही लाइट और वाई-फाई सुविधा उन्हें मिली तो एक बार फिर से उनके मन में कुछ कर दिखाने की चाहत पैदा हो गई. उन्होंने खली समय में मोबाइल व हेडफोन की मदद से मोटिवेशनल विडियो देखने शुरू किए और फिर ऑनलाइन ही पढ़ने के नए तरीके ढूँढ लिए. उनके पास कभी भी फोन और इंटरनेट के इलावा कोई अन्य किताब नहीं होती थी.
अब बने केरला के अफ़सर
बता दें कि श्रीनाथ ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा में मात हासिल की लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और मेहनत से साल 2018 में केरल पब्लिक सर्विस कमिशन का एग्जाम क्लियर कर लिया. अब यदि श्रीनाथ इंटरव्यू भी क्वालीफाई कर लेते हैं तो वे लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट में बतौर विलेज फील्ड असिस्टेंट नियुक्त किए जाएंगे. श्रीनाथ उन करोड़ों लोगों के लिए मिसाल बन कर उभरे हैं जोकि गरीबी के कारण पढ़ने-लिखने से हर मान लेते हैं.