15 जून को है मिथुन संक्रांति, इस दिन करें ये साधारण से काम, सूर्य देव होंगे प्रसन्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रह जब अपनी राशि बदलकर दूसरी राशि में जाता है तो इस राशि परिवर्तन को सक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य जिस राशि में गोचर करता है उसे उसी राशि की संक्रांति माना जाता है। आपको बता दें कि साल भर में 12 संक्रांतियां आती हैं। जब सूर्य ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है तो मिथुन संक्रांति के नाम से इसे लोग जानते हैं। सूर्यदेव जेष्ठ महीने में मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं और यह एक राशि में एक महीने तक विराजमान रहते हैं। इस बार मिथुन संक्रांति का पर्व 15 जून 2021 मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देवता की पूजा करने का विधान है।
हिंदू धर्म में मिथुन संक्रांति के पर्व का बहुत खास महत्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिन दान-धर्म जैसे कार्य किए जाए तो इससे व्यक्ति को अपने जीवन में पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि यह पर्व प्रकृति में बदलाव का संकेत माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन से वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इसके साथ ही लोग अच्छी खेती के लिए भगवान से खूब बारिश करने की मनोकामना मांगते हैं।
मिथुन संक्रांति के पर्व पर सिलबट्टे की पूजा का विधान है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मिथुन संक्रांति का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है और इस पर्व में सिलबट्टे की पूजा का विधान है। लोग सिलबट्टे को भूमि देवी मानकर इसकी पूजा करते हैं। अगर हम पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देखे तो मिथुन संक्रांति के पर्व पर सिलबट्टे को दूध और पानी से पहले नहलाया जाता है। उसके पश्चात सिलबट्टे को सिंदूर, चंदन लगाकर उस पर फूल और हल्दी अर्पित करते हैं।
मिथुन संक्रांति पर इस विधि से सूर्य की साधना करें
- मिथुन संक्रांति के दिन आप सूर्य देवता की पूजा करने के लिए सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
- इसके बाद आप उगते हुए सूर्य देवता के दर्शन करें और उन्हें “ॐ घृणि सूर्याय नमः” कहते हुए जल अर्पित कीजिए। आप जल में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें।
- जब आप सूर्य देवता को अर्घ्य दे दें तो उसके बाद लाल आसन को बिछाकर उस पर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठ जाएं और सूर्य मंत्र का कम से कम 108 बार जाप कीजिए।
इस काम से सूर्य देव होते हैं प्रसन्न
आपको बता दें कि मिथुन संक्रांति के दिन पवित्र नदी जल कुंड में स्नान करने एवं दान देने का बहुत महत्व बताया गया है। अगर आप मिथुन संक्रांति के दिन ब्राह्मणों, निर्धन लोगों और जरूरतमंदों को दान करते हैं तो इससे सूर्य देवता आपसे प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर सूर्य देव की कृपा दृष्टि रहती है उस व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। व्यक्ति को हर क्षेत्र में मान-सम्मान मिलता है और लगातार जीवन में तरक्की हासिल करता है। सूर्य देव के आशीर्वाद से जीवन में संपन्नता, उच्च पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है, और व्यक्ति का जीवन हंसी-खुशी व्यतीत होता है।