मोदी सरकार ने बदला खेल रत्न पुरस्कार का नाम, अब राजीव गांधी की जगह मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा अवार्ड
आपको बता दें कि राजीव गांधी खेल रत्न भारत का खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस सम्मान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है परंतु अब खेल रत्न पुरस्कार को लेकर मोदी सरकार के द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया है। खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े अवॉर्ड राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया गया है। अब इसका नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रख दिया गया है। अब यह अवार्ड राजीव गांधी नहीं बल्कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस बारे में जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से दी है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया, जिसमें उनके द्वारा यह लिखा गया कि “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का यह आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए।” पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में आगे यह लिखा है कि “लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।”
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऐसा कहा है कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है। उन्होंने यह कहा है कि अब हॉकी में भी लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ रही है, जो आने वाले समय के लिए सकारात्मक संकेत को दर्शाती है। बता दें खेल रत्न सम्मान के तहत 25 लाख रुपए नगद पुरस्कार दिया जाता है। इसके साथ ही इस सम्मान में एक पदक, सम्मान सहित एक प्रमाण पत्र भी मिलता है।
देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
जय हिंद!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
आपको बता दें कि खेल रत्न अवार्ड देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान होता है। यह सम्मान 1991-1992 में शुरू किया गया था। खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस सम्मान की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है, ताकि वह समाज में अधिक सम्मान प्राप्त कर पाएं। अब मोदी सरकार ने खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया। सरकार का यह फैसला टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद एक दिन बाद लिया गया। इससे पहले भारत ने आखरी बार ओलंपिक हॉकी में साल 1980 में पदक जीता था। अब पूरे 41 साल के बाद भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में पदक जीता है।
आपको बता दें कि मेजर ध्यानचंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे। उन्हें भारत और विश्व हॉकी के क्षेत्र में सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। उनका हॉकी में अविश्वसनीय योगदान रहा है। आपको बता दें कि उनके जन्म तिथि (29 अगस्त) को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों का सफर भारतीय खेल इतिहास को गौरवान्वित करता है। उन्होंने लगातार तीन ओलंपिक 1928 एम्स्टर्डम, 1932 लॉस एंजिलिस और 1936 बर्लिन में भारत को हॉकी का स्वर्ण पदक दिलाया है। बता दें मेजर ध्यानचंद की हॉकी की कलाकारी के जितने किस्से हैं उतनी शायद ही दुनिया के किसी अन्य खिलाड़ी के बारे में सुने गए हों। उनकी हॉकी की कलाकारी देखकर हॉकी के मुरीद तो वाह-वाह कह उठते थे।