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बेजुबान जानवरों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है ये लड़की, अब तक 120 से ज्यादा जानवरों की बचा चुकी है जान

जानवर भी हमारे समाज का एक हिस्सा होते हैं। यह हमारे पर्यावरण को भी संतुलित बनाए रखने में सहायक होते हैं। जानवरों की भी भावनाएं होती हैं। जानवरों को प्रेम और स्नेह चाहिए क्योंकि यह बहुत ही कोमल और संवेदनशील होते हैं। पालतू हों या जंगली जानवर, उन्हें भी इंसानों की तरह जीने का हक है परंतु इसके बावजूद भी मौजूदा समय में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो इन बेजुबान जानवरों के साथ अमानवीय हरकत करने से नहीं चूकते हैं। कभी गाय, खरगोश, तोता, कबूतर, कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा जैसे पालतू जानवरों व पक्षियों के साथ बेरहमी से पेश आते हैं।

वैसे देखा जाए तो बेजुबान जानवर और इंसान के बीच का रिश्ता बेहद खास होता है। हम इंसान जानवरों को प्यार देते हैं, तो वह इसके बदले वफादारी के साथ हमारी सुरक्षा करते हैं। परंतु यह बातें सिर्फ वही लोग समझ सकते हैं जिन्हें उनसे लगाव और प्यार होता है। इसी बीच आज हम आपको 21 साल की बहादुर लड़की मोहम्मद सूमा के बारे में बताने वाले हैं। सूमा तेलंगाना के मेहबूबादा की रहने वाली हैं, जो बेजुबान जानवरों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं।

120 से ज्यादा जानवरों की बचा चुकी हैं जान

मोहम्मद सूमा पिछले 10 साल से जानवरों की सेवा करने को मिशन बना चुकी हैं। यह अभी तक 120 से ज्यादा जानवरों और पक्षियों की जान बचा चुकी हैं। हाल ही में मोहम्मद सूमा ने 40 फीट गहरे कुएं में गिरे लोमड़ी के एक बच्चे को सुरक्षित निकाला, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उनकी खूब चर्चा हो रही है। वह गाय, कुत्ते, बिल्ली और पक्षियों के अलावा तेंदुआ और अजगर की भी रक्षा कर चुकी हैं। सूमा ने जानवरों को बचाने का यह नेक काम 11 साल से भी कम उम्र से शुरू कर दिया था। बीमार जानवरों को रखने के लिए उन्होंने अपने घर में एक शेड बनाया है।

पेरेंट्स से मिली प्रेरणा

सूमा बताती हैं कि इस काम की प्रेरणा उन्हें अपने पेरेंट्स से मिली है। सूमा ऐसा दावा करती हैं कि वह जानवरों को बचाने के लिए दिन-रात नहीं देखती हैं। वह हर समय कोशिश करती हैं। उन्हें अपने माता-पिता से जानवरों की सेवा करने की सीख मिली है, वह भी पर्यावरण को बचाने के लिए हर समय कोशिश करते रहते हैं। सूमा बीमार जानवरों को अपने घर में रखती हैं। सिर्फ कुत्ते, बिल्ली ही नहीं बल्कि उन्होंने अभी तक तेंदुआ और अजगर का भी ध्यान रखा हुआ है।

सूमा एक निडर लड़की हैं। सूमा कहती हैं कि जब भी रात में मेरे पास किसी जानवर को बचाने के लिए फोन आता है, तो मेरे पापा इस काम के लिए हमेशा मेरे साथ जाते हैं। कुछ साल पहले सूमा ने पायथोन पकड़ा था और इसे वन विभाग के हवाले कर दिया था। साल साल पहले सूमा ने छह उन बिल्लियों को अपने पास रखा था, जिनकी मां नहीं थी। उसने इन सभी को अपने घर के शेड में रखा और उनकी देखभाल की।

आपको बता दें कि मोहम्मद सूमा की बहादुरी और पशु सेवाओं के सम्मान में, तेलंगाना की राज्यपाल साईं सांद्रा राजन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के अवसर पर आयोजित एक समारोह में उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था।

 

 

 

 

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