जब लड़का-लड़की विवाह के पवित्र बंधन में बंध जाते हैं, तो जीवन भर साथ निभाने का वादा करते हैं। हर मुश्किल परिस्थिति में वह एक दूसरे का साथ देने का वचन देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह रिश्ता सात जन्मो तक का रिश्ता होता है। अक्सर देखा गया है कि किसी कारणवश जब शादी के बाद किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो कम उम्र में विधवा हुई लड़की का जीवन नर्क के समान हो जाता है। वह अपना जीवन समाज के द्वारा बनाए गए रास्ते पर चलकर जीती है।
प्राचीन समय में कई गलत प्रथाओं की वजह से विधवा महिलाओं पर अत्याचार किए जाते थे परंतु जैसे-जैसे वक्त बदलता जा रहा है, वैसे-वैसे आधुनिक काल में शिक्षित समाज में विधवा पुनर्विवाह को बुरा नहीं समझा जाता है परंतु आज भी कट्टर धार्मिक लोगों और देहाती, अनपढ़ समाज में विधवाओं की दशा बड़ी शोचनीय है। अतः विधवा पुनर्विवाह की समस्या किसी न किसी रूप में अभी भी उपस्थित है।
वैसे भारतीय समाज में अक्सर कुरीतियों की खबरें आती रहती हैं लेकिन कभी-कभी इसी समाज से अच्छी परंपराओं की खबरें भी आती हैं, तो समाज के सुधार की उम्मीदें बढ़ जाती हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के धमतरी से मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, यहां पर सास ने अपनी विधवा बहू को ना सिर्फ दोबारा शादी के लिए राजी किया, बल्कि मंदिर में पूरे रीति-रिवाज से उसकी शादी भी करवाई है। अब इस शादी की हर तरफ तारीफ हो रही है।
सास ने विधवा बहू की दोबारा करवाई शादी
आपको बता दें कि ईश्वर को साक्षी मानकर एक विधवा और विधुर नए जीवन के बंधन में बंधे हैं। यह समाज को सदियों पुरानी कुरीतियों के फेर से बंधन मुक्त करने का संदेश दे रहे हैं। धमतरी के रिसाई पारा के नागेश्वर मंदिर में 32 वर्षीय कृतिलता सिन्हा और 40 वर्षीय दुर्गेश सिन्हा विवाह के बंधन में बंध गए। 2 वर्ष पहले ही कृतिलता के पति गजेंद्र का दिल का दौरा पड़ने की वजह से मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद कृतिलता अपने 5 वर्ष के बच्चे के साथ अकेले जिंदगी जीने पर मजबूर हो गई।
दूसरी शादी करने के लिए सास ने बहू को राजी किया
पति की मृत्यु के पश्चात कृतिलता ने अपनी पूरी जिंदगी को ऐसे ही अकेले गुजारने का फैसला ले लिया था। परंतु कृतिलता की सास और जनपद पंचायत सदस्य यमुना देवी ने बहू के जीवन को दोबारा बसाने का फैसला ले लिया। लेकिन उनको अपने इस फैसले को अंजाम देना इतना सरल बिल्कुल भी नहीं था। कृतिलता को राजी करना फिर समाज को इस विधवा विवाह को स्वीकार करवाना बड़ी चुनौती उनके सामने थी लेकिन इन दोनों ही कामों में अधिक समस्या नहीं आई और आज दोनों शादी करके एक साथ रहने के लिए अपने जीवन में आगे बढ़ चुके हैं।
2 वर्ष पहले पति की दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी मृत्यु
वहीं कृतिलता की सास यमुना देवी का ऐसा बताना है कि उनका लड़का अब इस दुनिया में नहीं रहा लेकिन उनकी बहुत कृतिलता का अभी भी पूरा जीवन बाकी है। इसलिए उन्होंने ऐसा निर्णय लिया और मां का फर्ज निभाते हुए उन्होंने उसे विदा किया है।
आपको बता दें कि कृतिलता धमतरी की रहने वाली थी, जिनका विवाह नरहरपुर में गजेंद्र सिन्हा से हुआ था। 2 साल पहले कृति के पति का निधन हार्ट अटैक की वजह से हो गया था। लेकिन पति की मृत्यु के बाद दोबारा शादी करके कृति अब अपने जीवन में आगे बढ़ चुकी है। इस विवाह से वर-वधु के साथ-साथ दोनों के परिवारों में भी खुशियों का माहौल है।