मजेदार जोक्स : पप्पू ने अपने पिता संता से पूछा – पापा ये मर्द कौन होता है..? संता – जो पूरे घर में बस अपनी ही..
खुश रहना हम सभी के जीवन में उसी तरह जरूरी है जैसे हवा ,पानी और भोजन और कभी-कभी मन खुश रहने के बहाने ढूंढता है क्योंकि हर वक्त इंसान यूंही बिना किसी वजह के खुश नहीं रह सकता और आजकल के इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खुश रहना बहुत जरूरी है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आये हैं जिन्हें पढ़ते ही आपका मन खुश हो जाएगा. तो देर किस बात की आइये शुरू करते हैं हंसने हंसाने का ये खूबसूरत सिलसिला
अध्यापक- बताओ कुतुबमीनार कहां है?
छात्र- जी, नहीं मालूम
अध्यापक- बेंच पर खड़े हो जाओ
छात्र (खड़े होकर)- सर, अब भी नहीं दिख रहा
प्रेमिका- मैं तो मानती हूं कि शादी एक लॉटरी है
प्रेमी- पर मैं यह नहीं मानता
प्रेमिका- क्यों?
प्रेमी- क्योंकि लॉटरी में दोबारा किस्मत आजमाने
का मौका मिलता है
प्रेमिका- जब हमारी शादी हो जायेगी मैं तुम्हारी सारी
चिन्ताएं और कष्ट बांट लूंगी.
प्रेमी- मुझे तुमसे यही उम्मीद थी.
लेकिन मेरी जिंदगी में कोई चिंता या कष्ट नहीं है.
प्रेमिका- मैं शादी के बाद की बात कर रही हूं!
पति-पत्नी सिनेमा हॉल में बैठे थे.
एक दृश्य देखकर पत्नी ने पति से कहा..
पत्नी- काश, तुम भी मुझे इतना प्यार करते
पति- तुम भी पागल हो! जानती हो, इसे प्यार करने
के पैसे मिलते हैं.
हॉस्पिटल में बुरी तरह ज़ख़्मी पंडितजी से मिलने गए.
मैने पूछा- क्या हुआ था? कैसे लगी?
पंडित जी बोले- यार करवाचौथ की शाम को छत पर तेरी भाभी
से अपनी आदत के अनुसार हड़बड़ी में बोल दिया,
“जल्दी पूजा करो..दो-तीन जगह और जाना है”.
राजू- मैंने अपनी पत्नी को 12वीं पास करवाई,
फिर बीए, फिर एमए करवाया और उसकी सरकारी
जॉब लगवा दी. अब क्या करूं?
श्यामू- बस अब एक अच्छा सा लड़का देखकर
शादी करवा दे..
शक की इंतहा तो तब हो गई जब बायपास करा चुके एक
पेशंट की पत्नी ने सर्जन से मात्र एक ही प्रश्न पूछा…
“डॉ. साहब, कोई और तो नहीं मिली न इनके दिल में?”
सर्जन भी पहुंचा हुआ निकला, बोला, “उसी को तो बायपास किया है”
पति : तुम हर बात पर हमेशा मेरा-मेरा करती हो,
तुम्हें हमारा kehna चाहिए
पत्नी कुछ ढूंढ रही होती है अलमारी में….
पति : क्या ढूँढ रही हो ?
पत्नी : हमारा पेटीकोट.
सवाल: विवाह क्या है ?
जवाब: विवाह एक ऐसा गठबंधन है
जिसमें दो व्यक्ति मिलकर उन समस्याओं को सुलझाने का
जीवन भर प्रयास करते है , जो पहले कभी थी ही नही.
मीता (सीमा से)- तुम्हारी हैदराबाद यात्रा कैसी रही?
सीमा (मीता से)- अरे क्या बताऊं। रास्ते में मेरे पति पानी लेने उतरे और गाड़ी चल दी। वह स्टेशन पर ही रह गये।
मीता (सीमा से) मैं समझ रही हूं तुम्हारी पीड़ा। इतने लंबे सफर में तुम्हें प्यासा ही रहना पड़ा।
पत्नी ने उलाहने भरे स्वर में कहा, ‘अगर तुम अक्ल से काम लेते
तो हर महीने इतनी बचत कर लेते कि मेरे लिए कम से कम दो साड़ियां अवश्य खरीद लेते।‘
पति ने मुस्कुरा के जवाब दिया। ‘अगर मैं अक्ल से काम लेता तो
मुझे साड़ियो को खरीदने की कभी नौबत ही नहीं आती।‘